Haldwani News : सुशीला तिवारी अस्पताल में न्यूरो के आपरेशन अब ट्रामा सेंटर के आधुनिक ओटी में होंगे
Haldwani News एसटीएच में दो न्यूरोसर्जन हैं। एक न्यूरोसर्जन प्रतिमाह 20 से 30 आपरेशन कर रहे थे। अभी तक इमरजेंसी आपरेशन थिएटर में ही न्यूरोसर्जन यूरोसर्जन के अलावा ईएनटी आदि के आपरेशन हो रहे थे। इससे सफाई की समस्या होने से 10 अप्रैल से न्यूरो के आपरेशन बंद थे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 08:13 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय चिकित्सालय में न्यूरो से जुड़े आपरेशन फिर से शुरू हो पाएंगे। डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में न्यूरो से जुड़े आपरेशन बंद होने की व्यापक जनहित की खबर दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया। अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा सेंटर में बने आधुनिक आपरेशन थिएटर में न्यूरो से जुड़े आपरेशन करने की अनुमति प्रदान की है।
राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन संचालित डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में दो न्यूरोसर्जन कार्यरत हैं। एक न्यूरोसर्जन प्रतिमाह 20 से 30 आपरेशन कर रहे थे। इससे गरीब मरीजों को कम खर्चे में अच्छा लाभ मिल रहा था। अभी तक इमरजेंसी आपरेशन थिएटर में ही न्यूरोसर्जन, यूरोसर्जन के अलावा ईएनटी आदि के आपरेशन हो रहे थे।लगातार आपरेशन होने से सफाई की दिक्कत बनाकर न्यूरोसर्जन ने संक्रमण का खतरा बनाकर आपरेशन करने से इन्कार कर दिया था। इस कारण 10 अप्रैल से न्यूरो संबंधित आपरेशन बंद थे। कुमाऊं भर से आने वाले गरीब मरीजों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया था। दैनिक जागरण ने 15 अप्रैल के अंक में इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा सेंटर में बने आपरेशन सेंटर को न्यूरो संबंधित आपरेशन के लिए आवंटित कर दिया है।
प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज डा. अरुण जोशी ने बताया कि न्यूरोसर्जन ने अलग से आपरेशन थिएटर की मांग की थी। ट्रामा सेंटर में बने आपरेशन थिएटर को इसके लिए दे दिया गया है। आपरेशन थिएटर के लिए ओटी नर्स, एनेस्थिसियोलाजिस्ट व अन्य स्टाफ उपलब्ध रहेंगे।एमआरआइ व अल्ट्रासाउंड अब भी बंद
एसटीएच में 14 मार्च से अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लटका है। अस्पताल का रेडियो डायग्नोसिस विभाग रेडियोलाजिस्ट विहीन है। मेडिकल कालेज को 23 अप्रैल को होने वाले साक्षात्कार से रेडियोलाजिस्ट मिलने की उम्मीद है। एचटीएच का एमआरआइ 10 अप्रैल से बंद है। कूलिंग चैंबर खराब होने से एमआरआइ के लिए आने वाले मरीज निजी अस्पताल जा रहे।
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