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Kumaon University में स्नातक पांचवें सेमेस्टर में चुनने होंगे दो विषय, प्रवेश फार्म भरते समय देना होगा ध्‍यान

New National Education Policy कुमाऊं विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अंतर्गत पढ़ रहा पहला बैच इस बार तीसरे वर्ष यानी पांचवें सेमेस्टर में प्रवेश कर रहा है। एनईपी प्राविधानों पढ़ाई के अनुसार इस बार नियम थोड़े बदल जाएंगे। विद्यार्थियों को तीन में से दो मेजर विषयों का चयन करना होगा। जबकि एक मेजर और एक माइनर विषय आटोमैटिक हट जाएगा।

By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 31 Jul 2024 01:14 PM (IST)
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New National Education Policy: एनईपी प्राविधानों पढ़ाई के अनुसार इस बार नियम थोड़े बदल जाएंगे।

जासं, हल्द्वानी। New National Education Policy: कुमाऊं विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अंतर्गत पढ़ रहा पहला बैच इस बार तीसरे वर्ष यानी पांचवें सेमेस्टर में प्रवेश कर रहा है। एनईपी प्राविधानों पढ़ाई के अनुसार इस बार नियम थोड़े बदल जाएंगे।

विद्यार्थियों को तीन में से दो मेजर विषयों का चयन करना होगा। जबकि एक मेजर और एक माइनर विषय आटोमैटिक हट जाएगा। वहीं तीसरे वर्ष में कैशल विषयों से भी छुटकारा मिल जाएगा। इसके स्थान पर विद्यार्थियों को रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करना होगा। यह प्रोजेक्ट मेजर के रूप में चयनित दो में से किसी एक विषय पर तैयार करना होगा। वहीं सह-अनिवार्य पाठ्यक्रम भी पढ़ाया जाएगा।

समर्थ से नहीं होंगे पंचम सेमेस्टर के प्रवेश

कुमाऊं विश्वविद्यालय ने स्नातक पांचवें सेमेस्टर में प्रवेश के लिए पोर्टल खोल दिया है। हालांकि, यह प्रवेश कालेज स्तर और पुराने व्यवस्था से ही किए जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष 2023 में समर्थ पोर्टल लांच किया था। इससे पहले वर्ष 2022 तक दाखिले कालेजों ने अपने स्तर पर कराकर जानकारी कुमाऊं विश्वविद्यालय के पोर्टल पर स्वयं दर्ज करते थे। ऐसे में कालेज स्तर पर ही पंचम सेमेस्टर के प्रवेश दिए जाएंगे।

विद्यार्थियों को शोध के लिए प्रेरित करने पर जोर

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से पहले तक सिर्फ प्रोफेशनल कोर्सों में विद्यार्थियों को वर्क प्रोजेक्ट या लघु शोध प्रबंध बनवाया जाता था। मगर सरकार का फोकस शोध और नवाचार को बढ़ाने पर है।

ऐसे में नई नीति के ड्राफ्ट में तीसरे वर्ष में ही शोध परियोजना को शामिल किया गया है। इससे विद्यार्थियों का ध्यान शोध कार्य की ओर आकर्षित होगा। यह पहल भविष्य में छात्र-छात्राओं के साथ ही राष्ट्र उन्नति में भी लाभकारी होगी।