सरोवर नगरी को बर्फबारी की सौगात देने वाला पश्चिमी विक्षोभ डिस्टर्ब
सरोवर नगरी को बर्फबारी की सौगात देने वाला पश्चिमी विक्षोभ खुद डिस्टर्ब हो चुका है। मौसम के जानकारों की मानें तो इस हिल स्टेशन में पहले जैसी बर्फबारी के आसार अब कम ही नजर आते हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:06 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी को बर्फबारी की सौगात देने वाला पश्चिमी विक्षोभ खुद डिस्टर्ब हो चुका है। मौसम के जानकारों की मानें तो इस हिल स्टेशन में पहले जैसी बर्फबारी के आसार अब कम ही नजर आते हैं। इसकी मुख्य वजह वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के साथ अंधाधुंध निर्माण माना जा रहा है।
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. उमेश दुम्का के अनुसार शीत ऋतु में वेस्टर्न डिस्टर्वेंस के कारण बारिश व बर्फबारी होती है। यहां बढ़ता वायु प्रदूषण पश्चिमी विक्षोभ को प्रभावित कर रहा है। नैनीताल की तुलना में मुक्तेश्वर तथा उच्च हिमालयी क्षेत्र मुनस्यारी प्रदूषण का स्तर कम गिरा है। इन क्षेत्रों में अभी पश्चिमी विक्षोभ उतना प्रभावित नही हुआ है। जिसके चलते वहां बर्फबारी व वर्षा का क्रम काफी हद तक संतुलित है। वाहनों के अत्यधिक आवागमन से कार्बन की मात्रा बढ़ी है। शहर की आबादी बढऩे के साथ अंधाधुंध निर्माण के कारण तापमान में वृद्घि हुई है। ऋतुओं का पैटर्न भी शिफ्ट होने लगा है। इनके आगे खिसकने से बर्फबारी का प्रभावित होना स्वभाविक है। यदि ऐसे में फरवरी में शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते हैं तो बर्फबारी की संभावना कम हो जाती है। फरवरी में बर्फबारी होती भी है तो तापमान में वृद्धि की वजह से टिक नहीं पाएगी।
सैलानियों को किया निराश
सरोवर नगरी में वीकेंड पर बर्फबारी की आस सैलानियों को निराश कर गई। करीब दो घंटे बूंदाबांदी के बीच हिमकण गिरते रहे। यहां न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दोपहर में मौसम ने करवट बदलनी शुरू की। ऊंचाई वाले भागों में हिमकण गिरने शुरू हो गए और अन्य स्थानों में बूंदाबांदी होने लगी। मौसम का मिजाज बदल जाने से बर्फबारी की उम्मीद नजर आने लगी, जिसके चलते सैलानी शहर के ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों स्नोव्यू, टांकी बैंड, हिमालय दर्शन आदि स्थानों को रवाना हो गए, परंतु मौसम का रूख बूंदाबांदी तक ही सिमट कर रह गया। शाम चार बजे तक हल्की बंूदाबांदी होती रही। इसके बाद बादलों का छंटना शुरू हो गया और पाला गिरना गिरने लगा, जिससे ठंड में खासा इजाफा हो गया। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 12 डिग्री व न्यूनतम दो डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आद्र्रता अधिकतम 80 व न्यूनतम 60 प्रतिशत दर्ज की गई।
यह भी पढ़ें : उच्च हिमालय से लेकर मुनस्यारी तक हिमपात, पर्यटकों ने उठाया मौसम का लुत्फ
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।