हर विभाग आपदा के लिए तैनात करे नोडल अधिकारी नामित: डीएम वंदना सिंह
जंगल की आग व बाढ़ की अापादा से निपटने के क्रम में डीएम ने हर विभाग को विभागीय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। कहा कि तहसील स्तर पर आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर दिए जाएं।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 11:06 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को मानसून के दौरान आपदाओं की रोकथाम की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। डीएम ने हर विभाग को विभागीय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। कहा कि तहसील स्तर पर आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर दिए जाएं। वहीं संवेदनशील मोटरमार्गों को चिन्हित कर उनकी भी सूची मांगी।
डीएम ने लोनिवि के अधिकारियों को जिले के सभी मोटरमार्गों की सूची उनकी स्थिति और वर्षाकाल में उनके लंबे समय तक अवरुद्ध रहने पर वैकल्पिक मार्गों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए। आपदा के दौरान मोटर मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी, बुल्डोजर आदि की उपलब्धता और उनकी तैनाती स्थल की सूची के साथ ही सड़कों को खोले जाने के लिए मशीनों की निविदा शीघ्र करा ली जाए।
सभी उपजिलाधिकारी और सड़क निर्माण विभाग के अधिकारी संवदेनशील मोटर मार्गों का संयुक्त निरीक्षण कर चिन्ह्ति स्थलों को आपदा से पूर्व दुरुस्त करवा लें। कलमटों, नालियों और अति संवेदनशील स्थलों को चयन करते हुए उनको खोलने के साथ ही जल निकासी की व्यवस्था समय से पूरी कर ली जाए।
उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे की तर्ज पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही जल भराव के लिए संवेदनशील और प्रदूषित पेयजल वितरण से बचाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जबकि मोटरमार्ग किनारे संवेदनशील वृक्षों का चयन कर निस्तारण की कार्रवाई करने, बिजली और पानी व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए।
गर्भवतियों को पहले ही पहुंचाएं अस्पतालडीएम वंदना सिंह ने स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। कहा कि आपदा के कारण गर्भवतियों के प्रसव या फिर स्वास्थ्य सुविधाओं में दिक्कतें न हों।108 एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। मौसम की चेतावनी पर स्वास्थ्य विभाग आशा और एएनएम को सूचित कर गर्भवतियों का प्रसव से पूर्व ही अस्पताल में भर्ती करवाएं।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अति संवेदनशील स्कूलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए। कहा कि संवेदनशील स्कूल भवनों में पठन-पाठन के लिए वैकल्पिक स्थानों को भी चिन्हित करें। आपदा की स्थिति में आश्रय स्थल के लिए स्कूल, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों का भी चिन्हिकरण कर लिया जाए।
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