Move to Jagran APP

बकाया मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्‍यारी समेत पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस nainital news

उत्तराखंवड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं में हुए खर्चे को वसूलने के मामले में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:05 AM (IST)
Hero Image
बकाया मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्‍यारी समेत पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस nainital news
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंवड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं में हुए खर्चे को वसूलने के मामले में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। राज्य सरकार व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया है। मामले में कोर्ट ने सरकार से दस दिन के भीतर जवाब तलब किया है। 

रूरल लिटिगेशन संस्था के पीआइएल पर सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के माध्यम से राज्य सरकार के उस अध्यादेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया माफ कर दिया था। राज्य सरकार ने अध्यादेश को विधेयक बनाकर विधानसभा में पेश किया, राज्यपाल की मंजूरी के बाद वह  अधिनियम बन गया। कोर्ट ने पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा और रमेश पोखरियाल निशंक को घर खाली कर ब्याज समेत बाजार मूल्य से किराया भरने का आदेश दिया था। अब पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर किया है।

नोटिस रिसीव न होने पर कोर्ट सख्‍त

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने अदालत को बताया कि कोर्ट की ओर से पूर्व में भेजे गए नोटिस बिना रिसीव के वापस आ गए। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पूर्व सीएम व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का नोटिस उनके अधिवक्ता को दे दिया गया।

यह भी पढ़ें : नेता प्रतिपक्ष सरकार पर साधा निशाना, बोलीं केन्‍द्र की नीतियां एससी-एसटी के खिलाफ

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड हाईकोर्ट में पर्यावरण मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष बेंच 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।