ऑनलाइन जैविक खेती-प्रशिक्षण से प्रवासियों के जीवन में आएगी हरियाली
गांव पहुंचे प्रवासियों कृषक छात्र सूक्ष्म कृषि उद्यमियों को उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद ने कदम आगे बढ़ा दिए है। इसके लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 08 Jun 2020 01:35 PM (IST)
मनीष साह, अल्मोड़ा (रानीखेत)। कोरोना संक्रमण से बाहरी राज्यों व जनपदों में रोजगार से जुड़े लोगों के हाथ से एक झटके में रोजगार छिन गया। ऐसे में गांव वापसी के बाद बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ी हो गई है। चुनौती से निपटने को गांव पहुंचे प्रवासियों, कृषक, छात्र, सूक्ष्म कृषि उद्यमियों को उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद ने कदम आगे बढ़ा दिए है। आठ जून से ऑनलाइन जैविक खेती प्रशिक्षण व सलाह कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए देश भर के अलग-अलग राज्यों से 110 लोगों ने पंजीकरण किया है।
ऑनलाइन जैविक खेती प्रशिक्षण व सलाह कार्यक्रम के तहत राज्य जैविक कृषि प्रशिक्षण केंद्र मजखाली में आठ जून से प्रवासी उत्तराखंडी, कृषक, छात्र तथा सूक्ष्म कृषि उद्यमियों को जैविक खेती, समेकित जैविक कृषि प्रणाली, परंपरागत खेती, परंपरागत तकनीकी कृषि ज्ञान, जैविक प्रमाणीकरण व जैविक उत्पादन व विपणन के बारे में जानकारी दी जाएगी। ऑनलाइन चलने वाले कार्यक्रम के लिए बकायदा रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए हैं। एक दिवसीय प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। बाद में ऑनलाइन ही प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा। ऑनलाइन जैविक खेती प्रशिक्षण व सलाह कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने कृषि, पशुपालन व फ्लोरीकल्चर आदि से जोड़ रोजगार उपलब्ध कराना है।
अलग-अलग बैच किए गए तैयारप्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अलग-अलग बैच तैयार किए गए है। हल्द्वानी, देहरादून व हरिद्वार को एक बैच में रखा गया है। जबकि पर्वतीय जनपदों को हिमालय व उच्च हिमालय बैच में बांटा गया है। क्षेत्रवार उपयोगिता के आधार पर उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। बकायदा विभागीय योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध होगी।
खुद की किस्मत लिखने वाले भी देंगे व्याखानप्रशिक्षण कार्यक्रम में प्ले स्टोर से लोगों को गूगल मीट से जोड़ा जाएगा। इसकी जानकारी रजिस्ट्रेशन के वक्त दी जाऐगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड राज्य के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमांचल आदि विभिन्न राज्यों से भी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। खास बात यह है कि जिन लोगों ने गांव में ही खेती-बाड़ी व अन्य रोजगार शुरु कर सफलता के पायदान छुए हैं वह लोग भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान देंगे।
राज्य जैविक कृषि प्रशिक्षण केंद्र केंद्र के प्रभारी डॉ. देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जंग के दौरान बेरोजगारी के रूप में बड़ी चुनौती खड़ी हो चुकी है। इससे निपटने के लिए प्राकृतिक संसाधन, खेती-बाड़ी, फल-फ्लोरीकल्चर आदि का रोजगार कर काफी हद तक बेरोजगारी से लड़ा जा सकता है। लोगों को रोजगार मुहैया कराने के मकसद से ही प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। 110 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। एक दिवसीय प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। बाद में ऑनलाइन ही प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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