निर्वाचन के बाद केवल एक ही बैठक कर पाएंगे नए ब्लाक प्रमुख
वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति से पहले नव निर्वाचित होने वाले ब्लाक प्रमुख के पास क्षेत्र पंचायत की केवल एक बैठक कराने का समय रहेगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 12 Jan 2019 07:53 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : विकासखंड हल्द्वानी के उप निर्वाचन में निर्वाचित होने वाले ब्लाक प्रमुख का कार्यकाल मात्र छह माह का होगा। वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति से पहले नव निर्वाचित होने वाले ब्लाक प्रमुख के पास क्षेत्र पंचायत की केवल एक बैठक कराने का समय रहेगा। जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 में ब्लाक से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं के प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इसलिए माना जा रहा है कि जुलाई-अगस्त में होने वाले पंचायतों के चुनाव को ध्यान में रखकर विकास योजनाओं का खाका तैयार किया जाएगा, जिससे चुनाव में इसका फायदा मिल सके। वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले कांग्रेस को ब्लाक प्रमुख के पद से हाथ धोना पड़ा, जिससे चुनाव से पहले क्षेत्र पंचायत की बैठक में कांग्रेस को अपना एजेंडे के अनुसार विकास योजनाओं की घोषणाएं करने का मौका नहीं मिल पाया। यह स्थिति भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगी। पंचायत चुनाव से पहले वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर होने वाली क्षेत्र पंचायत की बैठक में अब वही पार्टी समर्थक अपना एजेंडे के अनुसार योजनाएं तक कर पाएंगे जिसके हाथ में ब्लाक की सत्ता आएगी। इसलिए दोनों दल उप निर्वाचन को पंचायत चुनाव के ट्रायल के तौर पर देख रहे हैं।
राज्य वित्त का मिलेगा पचीस लाख रुपये : विकासखंड हल्द्वानी के शेष बचे कार्यकाल के लिए अब विकास योजनाओं के लिए राज्य वित्त योजना का तकरीबन 25 लाख रुपये मिलेंगे। लगभग छह माह के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या के आधार पर राज्य वित्त का पैसा विकास कार्यों के लिए मिलेगा।
पिछली बार कांग्रेस को 22, भाजपा को मिला 18 बीडीसी सदस्यों का समर्थन : वर्ष 2014 हुए पंचायत चुनाव में विकासखंड हल्द्वानी में क्षेत्र पंचायत के 40 सदस्य चुने गए थे, लेकिन 2018 में नगर निगम सीमा विस्तार के बाद हल्द्वानी की 24 ग्राम पंचायतें निगम में शामिल हो गई, जिससे क्षेत्र पंचायत की लगभग 13 सीटें समाप्त हो गई। अब क्षेत्र पंचायत की केवल 27 सीटें ही शेष रह गई। पूर्व में हुए क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस समर्थक निर्वतमान प्रमुख भोलादत्त भट्ट को 22 और भाजपा समर्थक आनंद सिंह को 18 वोट मिले थे। इस बार प्रमुख पद के लिए केवल 27 बीडीसी सदस्य ही मतदान करेंगे।
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