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पंचायती राज सचिव ने कोर्ट को बताया, प्रधान को निलंबित कर वित्‍तीय अधिकार सीज किए गए

हाईकोर्ट ने रुड़की तहसील के ग्राम बडेरी में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में की गई भ्रष्टाचार के मामले में आज पंचायती राज सचिव व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 18 Dec 2019 10:54 AM (IST)
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पंचायती राज सचिव ने कोर्ट को बताया, प्रधान को निलंबित कर वित्‍तीय अधिकार सीज किए गए
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने रुड़की तहसील के ग्राम बडेरी में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में किए गए भ्रष्टाचार के मामले में पंचायती राज सचिव व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि ग्राम प्रधान को उनके पद से निलंबित कर उनके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए है। और तीन लोगों की कमेटी बना दी गई है जो विकास कार्यों में हुए घोटालों की जांच करेगी। मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तिथि नियत की है। 

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में  हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा की रुड़की तहसील में  ग्राम बड़ेरी, राजपूताना जिसके अंतर्गत 3 गांव आते हैं वहां की प्रधान और उनके पति और गांव के पंचायत सदस्यों द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में घपला किया हुआ है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने सबसे पहले 2018 में प्रधान और प्रधान पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी जिसमें आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हई। पता करने पर जानकारी मिली कि फ़ाइल स्पेशल इन्वेस्टीगेशन स्क़वाद के दफ्तर में पड़ी है। उसके बाद याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रत्यावेदन दिया और बताया कि हर व्यक्ति इससे प्रभावित हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार  ने एसएसपी हरिद्वार से किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मामले की जांच करने के लिए कहा। जिसके बाद पुलिस अधिकारी ममता बोरा ने अभिलेखों का परीक्षण कर पाया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालयों में भारी अनियमितताए पाई गई और गाँव के कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में भी निम्न स्तर का माल लगाया गया है।

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