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India-China Dispute: भारत-नेपाल व चीन संबंधों पर जमी बर्फ के पिघलने की उम्‍मीद जता रहे बाॅर्डरवासी

चीन सीमा पर नेपाल और चीन की हरकतों से जहां माहौल गर्माया है वहीं सूरज की तपिश ग्लेशियरों को पिघलाने लगी हैं। बार्डरवासी दोनों देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध की उम्‍मीद जता रहे।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 13 Jun 2020 11:10 AM (IST)
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India-China Dispute: भारत-नेपाल व चीन संबंधों पर जमी बर्फ के पिघलने की उम्‍मीद जता रहे बाॅर्डरवासी
पिथौरागढ़, जेएनएन : चीन सीमा पर नेपाल और चीन की हरकतों से जहां माहौल गर्माया है, वहीं सूरज की तपिश ग्लेशियरों को पिघलाने लगी हैं। कुटी यांगती नदी अपने उद्गम से लेकर गुंजी के बीच कई ग्लेशियरों को पार कर रही है। सीमा पर रहने वाले मानते हैं कि चीन, नेपाल और भारत के संबंधों में जमी बर्फ भी शीघ्र पिघल जाएगी। सीमा से लगे गांवों में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं। ग्रामीणों को रोजगार मिला है।

चीन सीमा पर सर्वाधिक ऊंचाई वाले सबसे खूबसूरत कुटी गांव के पास होकर बहने वाली इस नदी को कुटी यांग्ती कहा जाता है। यह नदी अपने उद्गम स्थल से ग्लेशियरों को ही पार करते हुए गुंजी में पहुंचने के बाद भारत नेपाल के मध्य बहने वाली काली नदी में मिल जाती है। 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे कुटी गांव के चारों तरफ अभी बर्फ जमी है। पहली बार नाबी, कुटी गांव सड़क से जुड़ चुके  है। आदि कैलास मार्ग पर पडऩे वाला यह गांव व्यास घाटी का सबसे सुंदर गांव माना जाता है।

गुंजी से कुटी गांव की दूरी 19 किमी है। पूरा मार्ग कुटी नदी किनारे है। कुटी नदी आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर अभी भी ग्लेशियरों के नीचे बह रही है। नदी पर ग्लेशियरों के पुल बने हैं। धीरे -धीरे पिघल रहे ग्लेशियरों की तरह ही भारत, चीन और नेपाल के मध्य संबंधों में जमी बर्फ पिघलने की भी ग्रामीण आस जगा रहे हैं। वहीं पहली बार सड़क से जुडऩे और गांवों तक वाहन पहुंचने से ग्रामीणों के हौंसले बुलंद हैं।

नेपाल इस क्षेत्र को अपना बता कर बिना वजह विवाद पैदा कर रहा है। दूसरे के दबाव में नेपाल के इस विवादित बोल का कोई मतलब नहीं है। चीन की धमकी से हम डरने वाले नहीं हैं। 1962 के युद्ध में हमारे बुजुर्गों ने सेना के लिए गोला-बारू द ढोया था। सीमा पर किसी तरह का संकट आने पर हम सीमा प्रहरी की भूमिका निभा कर अपने पूर्वजों की परंपरा कायम रखेंगें। -मनोज नबियाल, समाजसेवी नाबी गांव

सीमा से लगे गांवों में शांति है। नेपाल, चीन से कोई खतरा नहीं है। हमारे गांवों को सड़क की सौगात मिल चुकी है। अब विकास की गति तेज होगी। सीमा पर विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। -सनम नबियाल, ग्राम प्रधान नाबी

भारत, नेपाल और चीन तीन सरकारों का मामला है। सरकार ही इसका निराकरण करेगी। हम सभी ग्रामीणों को इसका विश्वास है। क्षेत्र सड़क से जुड़ गया है। अब विकास तेजी से होगा, मनरेगा के तहत विकास कार्य चल रहे हैं। सरकार सीमांत के प्रति सजग है। आदि कैलास यात्रा शुरू होगी पर्यटन बढ़ेगा। हमारे यहां से न तो पलायन हुआ है और नहीं होगा। बस चीन सीमा तक अन्य सीमाओं की अपेक्षा सड़क देर से पहुंची। -शोबन सिंह कुटियाल, ग्रामीण, कुटी गांव

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