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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सर्वे करने गई टीम का लोगों ने किया विरोध, नोक-झोंक के बाद लौटे रेलवे अधिकारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसे घरों का डोर टू डोर सर्वे चल रहा है। अब तक 50 प्रतिशत यानी 2500 घरों का सर्वे हो चुका है। बुधवार को रेलवे के अधिकारी बनभूलपुरा के लाइन नंबर 17 के पास सर्वे करने पहुंचे थे। पूर्व में हुए सर्वे से 10-15 मीटर अंदर निशान लगाने पर लोग भड़क गए।

By ganesh joshi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 26 Sep 2024 11:13 AM (IST)
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नभूलपुरा में अतिक्रमण का सर्वे करने गई टीम का विरोध, नोकझोंक के बाद लौटे रेलवे अधिकारी

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रेलवे-प्रशासन व पुलिस बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर बसे घरों का डोर टू डोर सर्वे कर रहा है। अब तक 50 प्रतिशत यानी 2500 घरों का सर्वे हो चुका है। बुधवार को रेलवे के अधिकारी बनभूलपुरा के लाइन नंबर 17 के पास सर्वे करने पहुंचे थे। पूर्व में हुए सर्वे से 10-15 मीटर अंदर निशान लगाने पर लोग भड़क गए।

उन्होंने रेलवे अधिकारियों के सर्वे का विरोध शुरू कर दिया। नोकझोंक के बाद टीम वापस लौट आई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में इस स्टेशन से सटी भूमि पर बसे लोगों के पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार और रेलवे को निर्देश जारी किए हैं। इसी क्रम में रेलवे अधिकारी भूमि का सीमांकन व डिजिटल सर्वे के बाद अब डोर-टू-डोर सर्वे करा रहे है।

छह टीमें घर के कागज, बिजली-पानी के बिल, परिवार के सदस्यों की संख्या आदि जानकारी जुटा रही हैं, ताकि पुनर्वास करने में आसानी हो सके। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक ढाई हजार लोगों का सर्व हो चुका है।

इधर, बुधवार को बनभूलपुरा में लाइन नंबर 17 के छोर पर सर्वे करने गई टीम का लोगों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि पूर्व में हुए सर्वे के आधार पर सर्वे नहीं हो रहा है। रेलवे अधिकारी 10-15 मीटर अंदर अपनी जमीन बता रहे हैं। इसका उन्होंने विरोध कर दिया। इस पर रेलवे की टीम वापस लौट आई।

विधायक सुमित हृदयेश ने बताया-

मुझे सूचना मिली कि जहां पहले रेलवे ने खंभे नहीं लगाए गए थे, आज वहां भी मार्किंग की गई। इस संबंध में एसडीएम से जानकारी ली गई। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के तहत हो रहा है। हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है। अगर इसमें कोई भी गलती और विसंगति होती है तो इस मामले को प्रमुखता से कोर्ट में रखा जाएगा। 

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