coronavirus फैलने के बाद आस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा रहने वालों को पहाड़ याद आया
रोजगार ने लोगों से पहाड़ और घर छुड़वाया तो कोरोना नाम की महामारी अब सबकी घर वापसी करवा रही है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 31 Mar 2020 07:58 AM (IST)
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : रोजगार ने लोगों से पहाड़ और घर छुड़वाया तो कोरोना नाम की महामारी अब सबकी घर वापसी करवा रही है। आंकड़ों पर नजर डाले तो एक मार्च से अब तक 3844 लोग गांव पहुँच चुके हैं। इनमें अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, तुर्की, काठमांडू, फिलीपींस, साउदी अरब और अबुधाबी से आने वाले भी शामिल है। इन सभी लोगों की सूची कंट्रोल रूम व जिला प्रसाशन को दी जा चुकी है। ताकि निगरानी व जांच में दिक्कत न आए।
पहाड़ में रोजगार का संसाधन नहीं होने की वजह से पलायन सबसे बड़ी समस्या है। शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भी एक वजह है लेकिन जब से कोरोना वायरस का संकट आया है हर कोई अपने घर पहुँचना चाहता है। भले वो देश के किसी कोने में हो या फिर विदेश में। नैनीताल जिले में कुल आठ ब्लॉक है। ग्राम प्रधान व अन्य जनप्रतिनिधियों की मदद से लगातार उन लोगों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। जो बाहर से आए हैं। जिसके बाद पंचायती राज विभाग के अधिकारी सूची प्रसाशन को उपलब्ध करा रहे हैं। सबसे ज्यादा कोटाबाग और कम बेतालघाट ब्लॉक के बाशिंदों ने वापसी की है।
ब्लॉक अनुसार वापसी
भीमताल 392
कोटाबाग 845
रामनगर 589
धारी 316
बेतालघाट 311
ओखलकांडा 367
हल्द्वानी 641
रामनगर 383
देश के इन शहरों से लौटे
विदेश को छोड़ दे तो सबसे ज्यादा लोग दिल्ली से घर पहुँचे हैं। इसके अलावा अंडमान निकोबार, सिक्कम, नोएडा, गुरुग्राम, आगरा, राजस्थान, कानपुर, पंजाब, पुणे, बहराइच आदि से भी लोगों ने पहाड़ का रुख किया है।प्रसाशन के पास यह जानकारी
बाहर से आया व्यक्ति किस गांव में रुका है और कितनी तारीख को कहाँ से पहुँचा। नाम व मोबाइल नंबर भी जुटाया गया है। उसका स्वास्थ्य कैसा है। कोई बीमारी के लक्षण तो नहीं। अपडेट के लिए ग्राम प्रधान या अन्य लोगों से लगातार संपर्क भी किया जा रहा है। डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि बाहर से आये लोगों की पूरी जानकारी जुटाकर प्रसाशन को दी जा रही है। एक मार्च से यह प्रक्रिया चल रही है।
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