कहीं आपके बच्चे ने भी तो नहीं दिया है घोड़ाखाल सैनिक स्कूल का एंट्रेस, दी है तो पढ़ लें ये खबर
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा पास कराने के नाम पर अभिभावकों को ठगने के प्रयास के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 30 Jan 2020 09:39 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : जिनके बच्चों ने घोड़ाखाल सैनिक स्कूल का एंट्रेस एग्जाम दिया है, यह खबर उनके अभिभावकों के लिए है। दरअसल सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास कराने के नाम पर अभिभावकों को ठगने की कोशिश हो रही है। उनके पास अननोन नंबर से एक कॉल आ रही है। कॉल करने वाला अभिभावकों से कहा रहा है कि एंट्रेंस एग्जाम के कॉपियों की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन आपके बच्चे का एडमिशन कुछ ही नंबर कम होने के कारण नहीं हो पाएगा। यदि आप बताए गए खाते में 15 से 20 हजार रुपए डाल दें तो उसका एडमिशन कन्फर्म करवा दिया जाएगा। हल्द्वानी में एक और अभिभावक के पास परीक्षा के कटऑफ नंबर से पांच नंबर कम आने का भय दिखाकर पास कराने के एवज में 15 हजार रुपये की मांग की गई है। अभिभावक ने कोतवाली पहुंचकर मामले की शिकायत की है। मामले की जांच पुलिस कर रही है।
कुछ दिनों पहले हुआ है सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए इंट्रेंस
सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए कुछ दिन पहले ही परीक्षा हुई है। इसके आवेदन ऑनलाइन भरवाए गए थे। वहीं, एक सप्ताह से कई अभिभावकों को फोन पर परीक्षा में पास कराने का झांसा दिया जा रहा है। नवाबी रोड के खोलिया कंपाउंड में रहने वाले प्रशांत सनवाल ने बताया कि उसके बेटे ने भी सैनिक स्कूल में कक्षा छह के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी। बुधवार को उनके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉलर ने बेटे की परीक्षा में कटऑफ नंबर से पांच अंक कम आने का झांसा दिया।
पास कराने को अकाउंट में 15 हजार रुपये डालने का लालचइसके बाद उसने एक अकाउंट नंबर देकर 15 हजार रुपये डालने और परीक्षा में पास करवाने का लालच दिया। ठगी की कोशिश का अहसास होने पर प्रशांत ने अकाउंट नंबर की जांच कराई तो वह मुंबई के किसी व्यक्ति का निकला। जबकि ठग खुद को दिल्ली के सैनिक आयोग में तैनात बता रहा था। प्रशांत ने कोतवाली में ठगी की कोशिश की लिखित शिकायत की है। पुलिस ने सर्विलांस सेल की मदद से मोबाइल व बैंक अकाउंट नंबर की जांच शुरू कर दी है। यहां बता दें कि इससे पहले भी कोटाबाग में तैनात वरिष्ठ फार्मासिस्ट भूपेंद्र सिंह समेत कई अभिभावकों को ठग फोन कर रुपये हड़पने की कोशिश कर चुके हैं।
खटीमा में भी दो अभिभावकों के पास आ चुकी है कॉल ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा में भी ऐसे दाे अभिभावकों नर सिंह कुंवर व भावना जोशी को कॉल आ चुकी है जिनके बच्चों ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में इंट्रेंस दिया है। जिसके बाद वे सीधे कोतवाली पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी दी।। उन्होंने बताया कि कॉल करने वाला कह रहा था कि आपके बच्चे का कुछ नंबरों से रुक रहा है यदि आप मेरे अकाउंट रुपए डाल दें उसे एंट्रेंस पास करा दिया जाएगा।
पांच जनवरी को हुआ है एग्जामपांच जनवरी को कक्षा-छह एवं नौ के करीब आठ हजार बच्चों ने घोड़ाखाल में प्रवेश के लिए परीक्षा दी थी। जिसका रिजल्ट फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में निकलेगा। लेकिन उससे पहले अभिभावकों के पास फेक कॉल आ रही है। अलग-अलग नंबरों से फोन कर कहा जा रहा है कि उनके बच्चे कुछ नंबरों से रह गए हैं। यदि वह उनके खाते में रुपये ट्रांसफर कर दें, तो वह उनके बच्चों का प्रवेश विद्यालय में करा देंगे।
सैनिक स्कूल ने फ्रॉड कॉल्स की जांच शुरू कराई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाने के लिए अभिभावकों को किए जा रहे फोन कॉल्स की जांच शुरू हो गई है। सैनिक स्कूल सोसायटी इसकी पड़ताल करा रही है। वहीं विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों से सावधान रहने की अपील की है। प्रधानाचार्य कर्नल डॉ. स्मिता मिश्रा ने बताया कि सैनिक स्कूल सोसायटी को अभिभावकों के पास दाखिले के लिए कॉल्स आने की सूचना मिली है। सोसायटी इसे गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि नंबर संबंधी डाटा विद्यालय के पास नहीं होता। यह डाटा केंद्र के पास सुरक्षित होता है। बच्चो के नंबर लीक नहीं हुए हैं। सभी कॉल्स फ्रॉड कॉल्स हैं। अभिभावक ठगों के झांसे में न आएं।
इस वर्ष से बालिकाएं ने दिया है एंटेंस एग्जाम इस वर्ष सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षाओं में बेटियां ने भी आवेदन किया है। इससे पहले सैनिक स्कूल में केवल लड़कों को ही प्रशिक्षण दिया जाता था। केवल स्टॉफ के लोगों की बेटियां सैनिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर सकती थीं, लेकिन इस वर्ष सभी बालिकाओं के लिए प्रवेश परीक्षा में आवेदनों को खोला गया है। जिससे अब बेटियां को भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर सैन्य अफसर बनने का बेहतर अवसर मिल सकेगा। साथ ही प्रवेश के लिए उम्र सीमा को 2 वर्ष बढ़ा दिया गया है। पिछले वर्ष तक कक्षा 6 में 10 वर्ष के बच्चे प्रवेश ले पाते थे। इस वर्ष से 12 वर्ष के बच्चे भी प्रवेश परीक्षा में आवेदन कर सकेंगे।
सैनिक स्कूल सोसायटी की ओर से संचालित होते हैं स्कूल सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की स्थापना 21 मार्च 1966 में हुई थी। विद्यालय के स्थापना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उचित शिक्षण देकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश कराना था। स्कूल में शिक्षण का माध्यम अंग्रेजी है। यह स्कूल सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा गठित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के द्वारा संचालित होते है। देश के रक्षा मंत्री इस बोर्ड के चेयरमैन व राज्यों के मुख्य मंत्री और शिक्षा मंत्री बोर्ड के सदस्य होते हैं।
इन राज्यों में हैं सैनिक स्कूल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- उत्तर प्रदेश में लखनऊ
- महाराष्ट में सतारा
- पंजाब में कपूरथला
- गुजरात में बालाछड़ी
- हरियाणा में कुंजपुरा
- राजस्थान में चित्तौड़गढ़
- आंध्र प्रदेश में कोरूकोडां
- केरला में त्रिवांद्रुम
- वेस्ट बंगाल में पुरुलिया
- उड़ीसा में भुवनेश्वर
- तमिलनाडू में अमरवंथीनगर
- मध्य प्रदेश में रीवा
- झारखंड में तिलैय्या
- कर्नाटका में बीजापुर
- असम में गोलपारा
- उत्तराखंड में घोड़ाखाल
- जम्मूकश्मीर में नागरोटा
- मणिपुर में इम्फाल
- हिमाचल प्रदेश में सुजानपुर तीरा
- बिहार में नालंदा
- नागालैंड में पुंग्लवा
- छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर
- हरियाणा में रेवारी
- आंध्र प्रदेश में कलिकिरी
- कर्नाटका में कोडागू