अमानवीय : राशन देने के बाद पहचान के लिए तख्ती देकर खींची जा रही है गरीबों की फोटो
कोरोना के चलते गरीबों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले राशन के लिए भटकना पड़ा अब राशन मिला तो इसे पाने के लिए सत्यापन कराने का तरीका बेहद आपत्तिजनक है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 16 Apr 2020 08:03 PM (IST)
काशीपुर, जेएनएन : कोरोना के चलते गरीबों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले राशन के लिए भटकना पड़ा अब राशन मिला तो इसे पाने के लिए सत्यापन कराने का तरीका बेहद आपत्तिजनक है। काशीपुर में विभिन्न ब्लाॅक व वार्डों में सीएम राहत कोष व आपदा कोष से राहत पैकेट वितरण किया जा रहा है। राशन वितरण उन्हीं लोगों में होना है जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं या किसी वजह से राशन नहीं मिल सका है। राहत पैकेट बंटने के दौरान सत्यापन के लिए लाभार्थियों को अपने हाथ में तख्ती पकड़नी है, जिसमें उसका नाम पता लिखा होता है। कई जरूरतमंद तो फोटो खिंचवाने की झिझक के कारण राशन पैकेट लेने के लिए घरों से निकल ही नहीं रहे हैं।
क्यों फोटो की पड़ी जरूरत
सीएम आपदा राहत कोष से शहर में तकरीबन पांच हजार से ज्यादा राशन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। इस दौरान राहत पैकेट पाने वाले को स्वत: सत्यापन पत्र देना अनिर्वाय किया गया था वहीं आपदा राहत कोष से लाभ पाने वालों के सत्यापन के लिए तख्ती पर अपना नाम पता लिखकर फोटो खींचवाना है। अधिकारियों का कहना है कि ऊपर से जैसी गाइड लाइन आई है उसी प्रकार से कार्यवाही की जा रही है।
लाभ लेेने वालों का कहना, नाम लिख लें फोटो क्यों
आपदा मद से राहत पाने वाले लाभर्थियों का कहना है कि अधिकारियों के पास जब हम अपना आइडी नंबर नोट करा रहे हैं तो आखिर फोेटो की क्यों जरूरत पड़ रही है। कई इलाकों में लाभ पाने पाने के लिए बाहर आईं महिलाएं तो घर वापस लौट, सिर्फ इसलिए कि उनका फोटो क्यों खींचा जा रहा है। प्रकाश चंद्र आर्य, नगर आयुक्त काशीपुर ने बताया कि हमें आपदा राहत कोष में बांटे जाने वाले पैकेट पाने वालों का सत्यापन करने के निर्देश मिले हैं जिस लिए लाभ पाने वाले लोगों की फाेटो भी रिकार्ड के लिए रखी जा रही है।
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