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धोखाधड़ी के मामले में वांछित पायलट बाबा का सरेंडर, सीजेएम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

गबन के मामले में आरोपित पायलट बाबा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बाबा ने जमानत के लिए जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 05 Apr 2019 10:37 AM (IST)
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धोखाधड़ी के मामले में वांछित पायलट बाबा का सरेंडर, सीजेएम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
नैनीताल, जेएनएन : एक दशक पहले एक रुपये में एक माह के कंप्यूटर प्रशिक्षण की फ्रेंचाइजी देने के बाद कंपनी बंद कर लाखों की धोखाधड़ी के मामले में वांछित पाइलट बाबा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल मुकेश कुमार की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाबा की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने 15 पेज के आदेश में साफ कहा कि मेडिकल आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। यह भी कहा कि आरोपित द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है। सवाल उठाया कि स्वास्थ्य खराब है तो यह कैसे घूम रहे हैं।
दरअसल 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी गौजाजाली निवासी पूर्व दर्जा मंत्री हरीश पाल ने ज्योलीकोट चौकी में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशन तल्ला गेठिया के हिमांशु राय, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा पुत्र चंद्रमा सिंह, निवासी ग्राम परेवा सासाराम बिहार, हाल निवास ए-65 एपाटमेंट विकास पुरी नई दिल्ली, इरशत खान, इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी, मंगल गिरी के खिलाफ धारा-420, 406, 506, 120 बी के तहत केस दर्ज किया। पाल का आरोप था कि कंप्यूटर सेेंटर संचालन को 50 हजार पांच सौ रुपये देने का भरोसा दिया गया और धोखाधड़ी से 67 हजार 860 रुपये प्राप्त किए। तीन लाख 20 हजार से अधिक की रकम बाबा ने हड़प ली। हल्द्वानी के बॉबी राज, अनुराग, नवाब हुसैन समेत 11 हजार लोगों के साथ भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया।
डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार इस मामले में सीबीसीआइडी ने जांच पूरी कर जून 2010 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। सभी सात आरोपियों को सम्मन भेजे जा रहे हैं, लेकिन पता नहीं मिलने की वजह से नहीं मिल रहे हैं। छह अन्य अब भी फरार हैं। पायलट बाबा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की तो कोर्ट ने उन्हें आत्मसमर्पण करने व उसी दिन जमानत अर्जी पर सुनवाई के निर्देश पारित किए। गुरुवार दोपहर को व्हील चेयर में पायलट बाबा ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी तनुजा वर्मा ने जमानत का कड़ा विरोध किया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी आरोपों का प्रतिवाद किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।

मनमोहक ऑफर की वजह से फंसे फ्रेंचाइजी
संस्था द्वारा कंप्यूटर शिक्षा के प्रसार के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया कि एक रुपये प्रतिमाह पर एक वर्षीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। फ्रेंचाइजी आमंत्रित की गई। प्रत्येक फ्रेंचाइजी से 50 हजार रजिस्ट्रेशन फीस, 1600 रुपये सर्वे फीस व 112 रुपये प्रति विद्यार्थी फीस व कंप्यूटर बुक का मूल्य 212 प्रति विद्यार्थी चुकानी थी। भरोसा दिया गया कि फ्रेंचाइजी को हर माह इसके एवज में 50 हजार पांच सौ भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र खोलने में खर्च का भुगतान, केंद्र पर्यवेक्षक, आइटी पर्यवेक्षक, रिसेप्सनिष्टï को प्रतिमाह 3500, 1800 रुपये प्रदान किए जाएंगे, यह तय था। पायलट बाबा व केको आइकावा की गुडविल को देखते हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमांचल में फ्रेंचाइजी ली गई।

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