पीएम मोदी के पारिवारिक गुरु स्वामी अभिराम दास ने सरयू घाटी के विकास पर दिया जोर
स्वामी अभिराम त्यागी ने कहा कि सरमूल का विकास नहीं हो पाया है। वहां पहुंचने के लिए एक अदद सड़क नहीं बन सकी है। सरमूल ऐसा स्थान है जहां देवताओं का निवास है। बहती सरयू का जल भी गुनगुनाता है और वह बहुत कुछ कहता है।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 04:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : श्रीरामानंद संत आश्रम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी अभिराम दास त्यागी सोमवार को बागनाथ मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर के बारे में जानकारी हासिल की। मंदिर में बागनाथ के दर्शन किए और कालभैरव मंदिर में पुष्प अर्पित किए। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि सरयू का उदगम स्थल सरमूल अति पावन है और सरयू का जल निर्मल और अविरल है।
प्रधानमंत्री के पारिवारिक गुरु ने कहा कि बागनाथ मंदिर परिसर में स्वामी अभिराम त्यागी ने कहा कि सरमूल का विकास नहीं हो पाया है। वहां पहुंचने के लिए एक अदद सड़क नहीं बन सकी है। सरमूल ऐसा स्थान है जहां देवताओं का निवास है। बहती सरयू का जल भी गुनगुनाता है और वह बहुत कुछ कहता है। वहां पहुंचने पर मन आनंदित हो उठता है और व्यक्ति परमात्मा में खो जाता है। उन्होंने कहा कि सरयू घाटी का विकास नहीं हो सका है। यदि सरमूल तक मोटर मार्ग का निर्माण हो जाए तो प्रकृति का आनंद लेने देसी और विदेशी लोगों की संख्या में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि सरयू के उदगम स्थल को विकसित करने के लिए जिपंअ बसंती देव से वार्ता हुई है। उन्होंने सड़क मार्ग से सरमूल को जोड़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि सरमूल की एक पहाड़ी से निकली जलधारा सौ धाराओं में विभक्त होकर जहां गिरती है वह स्थान सहस्त्रधारा कहलाता है। उन्होंने भद्रतुंगा में साधना की और वह अब गुजरात लौट रहे हैं। इस दौरान जिपंअ बसंती देव, भगवत सिंह कोरंगा, दयाल कुमल्टा आदि मौजूद थे।
घाघरा का नाम हुआ सरयूस्वामी अभिराज दास त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घाघरा को सरयू का नाम दिया है। वह उत्तर प्रदेश में भी सरयू को जाना जाने लगा है। सरयू नदी का उद्गम कपकोट के सहस्त्रधारा से भी दूर गांव झूनी से भी आगे पड़ता है। स्वामी अभिराज दास त्यागी केदारनाथ गरुड़चट्टी स्थित हनुमान गुफा के संस्थापक भी हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।