पुलिस चला रही गोली, जेल को चुकानी पड़ रही "कीमत"; अपराधियों के उपचार जेल में प्रशासन ने लाखों किए खर्च
एसएसपी मणिकांत मिश्रा तैनाती के बाद अपराधियों से उन्हीं के तरीके से निपट रहे हैं। तैनाती के बाद दो महीने में पांच अपराधी व तस्कर मुठभेड़ में घायल हो चुके हैं। सभी को उपचार के लिए हल्द्वानी एसटीएच लाया गया। यहां से उप कारागार में रखा गया है। एक अपराधी के पैर में गोली फंस गई थी। इसलिए उपचार निजी अस्पताल में कराया पड़ा।
जागरण, हल्द्वानी। अपराध के लिहाज से अतिसंवेदनशील ऊधम सिंह नगर में पुलिस, वन कर्मी व तस्करों के बीच मुठभेड़ के मामले बढ़ गए हैं। पुलिस गोली का जवाब गोली से दे रही है। अपराधी खौफजदा हैं।
यहां तक तो ठीक है, लेकिन पुलिस व वन कर्मियों के बीच गोली चलाने की कीमत हल्द्वानी जेल प्रशासन को चुकानी पड़ रही है। मुठभेड़ में घायल सात अपराधियों के उपचार में जेल प्रशासन अब तक सात लाख से अधिक खर्च कर चुका है।
इसी साल 26 मई को पंतनगर में तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज में लकड़ी तस्करों और वन विभाग की टीम में मुठभेड़ हो गई थी। जिसमें लखविंदर सिंह लक्कू नाम का तस्कर घायल हो गया था। वन विभाग ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। साथ ही एक पिकअप वाहन से भारी मात्रा में कीमती लकड़ी बरामद की थी।
इस घायल को वन विभाग व पुलिस ने एसटीएच में भर्ती कराया। जहां से उसे बाद में हल्द्वानी जेल भेज दिया गया। जेल में रहने के दौरान उसका उपचार जारी रहा। एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। जहां लाखों रुपये खर्च हुए।
वहीं, अब नए एसएसपी मणिकांत मिश्रा तैनाती के बाद अपराधियों से उन्हीं के तरीके से निपट रहे हैं। तैनाती के बाद दो महीने में पांच अपराधी व तस्कर मुठभेड़ में घायल हो चुके हैं। सभी को उपचार के लिए हल्द्वानी एसटीएच लाया गया। यहां से उप कारागार में रखा गया है। एक अपराधी के पैर में गोली फंस गई थी।
इसलिए उपचार निजी अस्पताल में कराया पड़ा। जिसमें एक लाख से अधिक का खर्च आया। दवा भी दी जा रही है। जेल प्रशासन के अनुसार बंदियों के उपचार में अब तक साल लाख रुपये से अधिक खर्च हो चुका है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लखविंदर के उपचार में सर्वाधिक पांच लाख का खर्चा
पंतनगर क्षेत्र में मुठभेड़ में घायल लकड़ी तस्कर लखविंदर के उपचार के सर्वाधिक पांच लाख रुपये का खर्चा आया। पैर में इंफेक्शन की शिकायत पर उसे एम्स रेफर किया गया था। जहां लंबा उपचार चला। मई में हल्द्वानी जेल आने के बाद वह पांच महीने जेल में ही रहा। अक्टूबर में वह जेल से जा चुका है।बीमार व घायल को अस्पताल में भर्ती कराने का नियम
जेल नियमावली के अनुसार किसी बंदी या कैदी के गंभीर रूप से बीमार होने या घायल होने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने का नियम है। इसके लिए जेल अधीक्षक तुरंत ही सुरक्षा के लिए पुलिस गार्ड की मांग करता है। सुरक्षा गार्ड न मिलने पर कैदी को जेल के दो प्रहरियों की देखरेख में अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया जाता है। उपचार में आने वाले पूरे खर्च का भुगतान जेल प्रशासन को करना होता है।कब-कब मुठभेड़ के बाद हुई गिरफ्तारी
- 26 मई को तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज में वन विभाग की टीम ने मुठभेड़ के बाद तस्कर लखविंदर सिंह लक्कू को गिरफ्तार किया।
- 25 सितंबर को पुलिस ने जसपुर में हुई लूट के आरोपित दिलशाद को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। इसके बाद दूसरे आरोपित साजिद को कुंडा थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।
- 27 अक्टूबर को सितारगंज के शक्तिफार्म क्षेत्र में वन तस्कर जसपाल सिंह को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।
- नौ नवंबर को गदरपुर में मुठभेड़ के दौरान तस्कर संगत सिंह उर्फ संगी को गिरफ्तार किया। तस्कर ने छह सितंबर को पीपलपड़ाव रेंज में चार वनाधिकारियों व कर्मचारियों पर फायरिंग की थी।
इसे भी पढ़ें: एक्ट्रेस कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने इस मामले में जारी किया नोटिसजेल में बीमार व घायल बंदी और कैदी का उपचार कराया जाता है। ऊधम सिंह नगर में पुलिस व वन कर्मियों में कई बंदी घायल हुए। जिसका एसटीएच व एम्स में उपचार कराया गया। जिसमें लाखों रुपये खर्च हुए हैं।