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एलटी की परीक्षा दिलाने वाले फरार चार मुन्‍नाभाइयों की तलाश में पुलिस ने दी दबिश nainital news

ऊधमसिंह नगर जिले में धोखाधड़ी कर 21 अभ्यर्थियों की परीक्षा दूसरे परीक्षार्थियों द्वारा दिलाए जाने के मामले में फरार चार आरोपितों की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 10:47 AM (IST)
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एलटी की परीक्षा दिलाने वाले फरार चार मुन्‍नाभाइयों की तलाश में पुलिस ने दी दबिश nainital news
रुद्रपुर, जेएनएन : ऊधमसिंह नगर जिले में धोखाधड़ी कर 21 अभ्यर्थियों की परीक्षा दूसरे परीक्षार्थियों द्वारा दिलाए जाने के मामले में फरार चार आरोपितों की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए पुलिस की दो टीमों ने यूपी में डेरा डाला हुआ है। वहीं, यूपी और उत्तराखंड के दो पुलिसकर्मी और एक शिक्षक समेत नौ मुन्नाभाई को पहले ही गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है।

2019 में हुई थी एलटी ग्रेड की परीक्षा

एलटी परीक्षा में धोखाधड़ी मामले में 19 जुलाई 2019 को अनुसचिव उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग राजन मैठाणी ने केस दर्ज कराया था। उन्‍होंने कहा कि एलटी की लिखित प्रतियोगी परीक्षा की ओएमआर शीट की स्कैनिंग के दौरान पता चला कि ऊधमसिंहनगर में 21 अभ्यर्थियों की परीक्षा क्षद्म परीक्षार्थियों ने दी है। अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र भरते समय भी एक ही ई-मेल आइडी का प्रयोग किया गया है। इस मामले में पुलिस ने रायपुर, देहरादून में केस दर्ज कर लिया था। एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि बाद में सीओ देहरादून शेखर चंद्र सुयाल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर जांच शुरू कर दी गई थी।

परीक्षा पास कराने के लिए दो से ढाई लाख का सौदा

इस दौरान एसआइटी ने अभ्यर्थियों के साथ ही छदम अभ्यर्थियों के तौर पर परीक्षा देने वालों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी थी। साथ ही पूछताछ की गई। इस दौरान अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके फार्म एक ही व्यक्ति द्वारा भरे गए हैं। परीक्षा पास कराने के लिए दो से ढाई लाख रुपये देने पर सहमति बनी थी। एडवांस में उन्हें पांच से 10 हजार रुपये दिए गए थे, जबकि शेष पेमेंट परीक्षा पास कराने के बाद देने की बात की गई थी।

बैंक खाते की मदद से गिरोह तक पहुंची पुलिस

एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि जांच में परीक्षा फार्म में भरे गए ई-मेल आइडी से सफलता नहीं मिली। इम्प्लायमेंट आफिस के रजिस्ट्रेशन नंबर और अधिकांश मोबाइल नंबर को चैक किया गया तो फर्जी मिले। बाद में टीम ने मोबाइल नंबर से लिंक बैंक खातों की जानकारी जुटाई तो एक नंबर लिंक मिला। यह मुरादाबाद, कासमपुर निवासी सुरेश पुत्र रमेश के नाम पर था। इस पर एक टीम मुरादाबाद गई और उसके संबंध में जानकारी जुटाई तो सुरेश गोपालपुर जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात था। पुलिस ने  उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी थी। पूछताछ में सुरेश ने बताया कि उसने अपने परिचित महदूद कलमी, मुरादाबाद में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक और कांठ, मुरादाबाद निवासी सर्वेश यादव के कहने पर छद्म अभ्यर्थी बनकर परीक्षा दी थी।

अमरोहा निवासी फायरमैन देवेंद्र है सरगना

एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस टीम ने सर्वेश को भी गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। सर्वेश ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना अमरोहा निवासी फायरमैन देवेंद्र पुत्र बाल कृष्ण है। वर्तमान में वह बिलासपुर, रामपुर में तैनात है। रविवार को सीओ देहरादून-एसआइटी प्रभारी शेखर चंद्र सुयाल, सीओ रुद्रपुर अमित कुमार, कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट, निरीक्षक राकेश गुंसाई, एसआइ जितेंद्र चौहान, एसआइ मनमोहन ङ्क्षसह, राहुल कापड़ी पुलिस कर्मियों के साथ बिलासपुर पहुंचे और देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

इनको गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस

देवेंद्र से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने प्रकाश में आए छह अन्य आरोपित जसपुर निवासी बंदी आरक्षी अवतार सिंह, अनिल कुमार, अंचल कुमार, सोनू सिंह, अंकित कुमार, धर्मेंद्र को जसपुर, काशीपुर, हल्द्वानी से गिरफ्तार कर लिया, जबकि उन्होंने अपने फरार साथियों के नाम विजयवीर, मीना राम, रिंकू कुमार, मोहम्मद जावेदुल्लाह बताया। एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि एसआइटी और पुलिस फरार आरोपितों की तलाश कर रही है।

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