खुलासा : यूपी के एटा, शाहजहांपुर व फर्रुखाबाद के बदमाशों ने उड़ाई थी तीन किराए पर ली बुलेट
दो माह पूर्व काठगोदाम से किराये पर तीन बुलेट लेकर भागने के मामले में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। पुलिस ने तीनों बुलेट बरामद करने के साथ ही बदमाशों की पहचान कर ली है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 06 Apr 2019 10:44 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : दो माह पूर्व काठगोदाम से किराये पर तीन बुलेट लेकर भागने के मामले में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। पुलिस ने तीनों बुलेट बरामद करने के साथ ही बदमाशों की पहचान कर ली है। तीनों बदमाश उत्तर प्रदेश के एटा, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं। दो बुलेट बदमाशों के घर से, जबकि तीसरी बुलेट कानपुर के रेलवे स्टेशन की पार्किंग से मिली है। हालांकि दो बुलेट घर से बरामद होने के बाद भी बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े।
काठगोदाम निवासी आनंद यादव सैलानियों को किराये पर बुलेट देते हैं। आठ फरवरी को उनके पास तीन युवक आए और नैनीताल घूमने के लिए तीन बुलेट किराये पर मांगी। एक हजार रुपये प्रति बुलेट प्रति दिन के हिसाब से दाम तय होने पर तीनों बुलेट लेकर चले गए। उन्होंने एक आधार कार्ड और तीन हजार रुपये एडवांस भी दिया। आधार कार्ड में नाम कुलदीप व पता मैनपुरी उत्तर प्रदेश लिखा था। शाम को तीनों ने आनंद को फोन कर मौसम खराब होने की वजह से रात में नैनीताल रुकने व पर्यटन क्षेत्रों में घूमकर 14 फरवरी को वापस आने की जानकारी दी। 14 फरवरी को आनंद ने फोन किया तो तीनों के मोबाइल नंबर बंद थे। काफी इंतजार के बाद भी जब तीनों बुलेट लेकर नहीं लौटे तो 16 फरवरी को काठगोदाम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक दान सिंह मेहता ने बताया कि आधार कार्ड की जांच की गई तो वह फर्जी निकला। इस पर उनके मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया।
इसके आधार पर उत्तर प्रदेश के अलीगंज जिला एटा निवासी जावेंद्र यादव, मिर्जापुर जिला शाहजहांपुर निवासी राहुल दुबे व फर्रुखाबाद निवासी प्रवीण अवस्थी को चिह्नित किया गया। पुलिस टीम ने तीनों के घरों में दबिश दी तो जावेंद्र व प्रवीण के घर से एक-एक बुलेट मिल गई, जबकि तीसरी बुलेट कानपुर के रेलवे स्टेशन से बरामद हुई। शुक्रवार शाम काठगोदाम पुलिस तीनों बुलेट लेकर लौट आई है।
30 मार्च को कानपुर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी की बुलेट
बदमाशों को चिह्नित करने के बाद काठगोदाम पुलिस ने इनके घर व ठिकानों पर दबिशें दीं। इसकी भनक लगते ही तीनों फरार हो गए। 30 मार्च को जावेंद्र ने राहुल दुबे व प्रवीण अवस्थी से बुलेट कानपुर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी करा दी। 31 को जावेंद्र ने अपने गांव के ही कानपुर में रह रहे दोस्त को फोन कर बुलेट लाकर अपने घर पर खड़ी करने के लिए कहा। जावेंद्र ने पार्किंग की पर्ची वाट्सएप पर दोस्त को भेजी। वहीं पार्किंग संचालकों ने बिना पर्ची या आरसी के बुलेट देने से इनकार कर दिया। वहीं संदिग्ध बुलेट होने की चर्चा फैलने पर मीडिया में दोस्त की फोटो सामने आ गई। इस पर दोस्त ने गांव के लोगों को फोन किया। गांव के प्रधान ने काठगोदाम पुलिस को फोन कर तीसरी बुलेट कानपुर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी होने की जानकारी दी।
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