रिश्वत लेते बिजली विभाग का जेई गिरफ्तार, नौ हजार फीस वाले कनेक्शन के लिए मांगे थे 39 हजार
आटा चक्की लगाने के लिए विद्युत विभाग के जेई ने एक व्यक्ति से 39 हजार रुपये मांगे थे। जबकि सरकारी फीस केवल नौ हजार रुपये थी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 20 Apr 2019 07:17 AM (IST)
काशीपुर, जेएनएन : आटा चक्की लगाने के लिए विद्युत विभाग के जेई ने एक व्यक्ति से 39 हजार रुपये मांगे थे। जबकि सरकारी फीस केवल नौ हजार रुपये थी। इससे परेशान होकर पीड़ित ने विजिलेंस विभाग में शिकायत की थी। शिकायत सही पाई जाने पर टीम ने छापा मारकर जेई को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस की इस कार्रवाई से सरकारी अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
गोपीपुरा मोड़ गांव चांदपुर, काशीपुर निवासी हेमेंद्र श्रेष्ठ पुत्र तुलसीराम श्रेष्ठ ने गांव में आटा चक्की लगाई है। जिसके लिए उन्होंने उपखंड कार्यालय विद्युत विभाग में करीब 22 दिन पहले प्रतापपुर क्षेत्र के जेई राजेंद्र कुमार पुत्र श्यामलाल निवासी महुआखेड़ागंज से आठ किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए संपर्क किया था। जेई ने कनेक्शन देने के लिए 39 हजार रुपये मांगे थे। जबकि सरकारी फीस केवल नौ हजार थी। जब जेई ने कोई रियायत नहीं की तो हेमेंद्र ने 15 अप्रैल को देहरादून विजिलेंस विभाग में संपर्क किया। जहां उन्हें एसपी विजिलेंस हल्द्वानी का नंबर मिला। एसपी ने मामले की जांच इंस्पेक्टर अरुण कुमार को सौंपी। जांच करने पर मामला सही पाया गया।
शुक्रवार को जेई को 20 हजार रुपये देने थे। जिसकी जानकारी विजिलेंस इंस्पेक्टर अरुण को थी। गुड फ्राइ-डे के दिन जेई राजेंद्र उपखंड कार्यालय रिश्वत लेने पहुंचा था। जैसे ही हेमेंद्र ने जेई को 20 हजार रुपये दिए। विजिलेंस विभाग की टीम ने घेराबंदी कर जेई राजेंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम में डिप्टी एसपी विजिलेंस अरविंद डंगवाल, इंस्पेक्टर संजय पांडेय, कांस्टेबल नागेंद्र भट्ट, जगदीश आदि थे।
गोपीपुरा मोड़ गांव चांदपुर, काशीपुर निवासी हेमेंद्र श्रेष्ठ पुत्र तुलसीराम श्रेष्ठ ने गांव में आटा चक्की लगाई है। जिसके लिए उन्होंने उपखंड कार्यालय विद्युत विभाग में करीब 22 दिन पहले प्रतापपुर क्षेत्र के जेई राजेंद्र कुमार पुत्र श्यामलाल निवासी महुआखेड़ागंज से आठ किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए संपर्क किया था। जेई ने कनेक्शन देने के लिए 39 हजार रुपये मांगे थे। जबकि सरकारी फीस केवल नौ हजार थी। जब जेई ने कोई रियायत नहीं की तो हेमेंद्र ने 15 अप्रैल को देहरादून विजिलेंस विभाग में संपर्क किया। जहां उन्हें एसपी विजिलेंस हल्द्वानी का नंबर मिला। एसपी ने मामले की जांच इंस्पेक्टर अरुण कुमार को सौंपी। जांच करने पर मामला सही पाया गया।
शुक्रवार को जेई को 20 हजार रुपये देने थे। जिसकी जानकारी विजिलेंस इंस्पेक्टर अरुण को थी। गुड फ्राइ-डे के दिन जेई राजेंद्र उपखंड कार्यालय रिश्वत लेने पहुंचा था। जैसे ही हेमेंद्र ने जेई को 20 हजार रुपये दिए। विजिलेंस विभाग की टीम ने घेराबंदी कर जेई राजेंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम में डिप्टी एसपी विजिलेंस अरविंद डंगवाल, इंस्पेक्टर संजय पांडेय, कांस्टेबल नागेंद्र भट्ट, जगदीश आदि थे।
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