हल्द्वानी के प्रकाश चन्द्र उपाध्याय ने बनाया विश्व का सबसे छोटा गिटार, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के पैथालाजी विभाग में कार्यरत प्रकाश चंद्र उपाध्याय (Prakash Chandra Upadhyay) ने दुनिया का सबसे छोटा गिटार (world smallest guitar) बनाया है। उनके गिटार को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड (Limca Book of Records) ेने दर्ज किया गया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 01:20 PM (IST)
हल्द्वानी जागरण संवाददाता : उत्तराखंड के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। अनोखी चीजें बनाकर कई रिकार्ड अपने नाम दर्ज करा चुके राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के पैथालाजी विभाग में कार्यरत प्रकाश चंद्र उपाध्याय (Prakash Chandra Upadhyay) ने अब दुनिया का सबसे छोटा गिटार (world smallest guitar) बनाया है। उनके गिटार को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड (Limca Book of Records) में दर्ज किया गया है।
तीन सेन्टीमीटर लंबा है गिटार
प्रकाश चन्द्र उपाध्याय ने सिर्फ तीन सेन्टीमीटर लंबा गिटार बनाकर व्यक्तिगत श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड बनाया है । गिटार को चन्दन की लकड़ी, तांबे, एल्यूमुनियम के तार व पिन से तैयार किया गया है । गिटार की आवाज को माइक के माध्यम से अच्छे से सुना जा सकता है । जिसको मात्र 4 घंटा 30 मिनट में 29 अप्रैल 2020 को बनाया है। इसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड 2021-22 मे दर्ज कर किया गया है।लिम्का ने बैक पेज पर दिया स्थान
प्रकाश चन्द्र के रिकॉर्ड को लिम्का बुक ने अपने किताब के बैक कवर पर मुख्य स्थान दिया है। रिकॉर्ड के गवाह के रूप में राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी एनिस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उर्मिला पलड़िया व सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ भुवन ने अपना योगदान दिया।बना चुके हैं विश्व का सबसे छोटा चर्खा
प्रकाश उपाध्याय विश्व का सबसे छोटा हस्तनिर्मित चरखा भी बना चुके हैं। जिसकी साइज 5×6×4 मिलीमीटर थी। जिसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2017 दर्ज किया गया था। इसके बाद इन्होंने अपना ही रिकार्ड और छोटा चरखा बनाकर तोड़ दिया। जिसकी साइज 4.50 ×3.50× 3.50 मिलीमीटर है, जिसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 2019 में दर्ज किया गया।प्रकाश चंद्र को मिले अवार्ड
- गोल्ड अवार्ड
- एक्सीलेंस अवार्ड 2020
- एक्सीलेंस अवार्ड 2021
- उत्तराखण्ड आइकन अवार्ड 2021
- मातृका पुरस्कार
- नटराज कला रत्न सम्मान
- कलाअनन्त सम्मान
- कोरोना वॉरियर सम्मान
- उत्कृष्टता सम्मान