प्रिजन सिस्टम सॉफ्टवेयर : अब ऑनलाइन तय होगा बंदियों से मुलाकात का दिन NAINITAL NEWS
बंदियों से मुलाकात करने के लिए घंटों जेल के बाहर खड़े होकर पर्ची लगाने के झंझट से मुलाकातियों को अब मुक्ति मिलने वाली है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 07 Jul 2019 12:07 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : बंदियों से मुलाकात करने के लिए घंटों जेल के बाहर खड़े होकर पर्ची लगाने के झंझट से मुलाकातियों को अब मुक्ति मिलने वाली है। उपकारागार के कंप्यूटरों में प्रिजन सिस्टम सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया जा रहा है। इस सप्ताह के भीतर इसके चालू होने की उम्मीद है। इससे लोग घर से ही अपने बंदी से मुलाकात के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि देहरादून की तर्ज कर हल्द्वानी उपकारागार को भी हाईटेक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जेल में ऑनलाइन पेशी की सहूलियत पूर्व में ही शुरू कर दी गई है।
अब कंप्यूटरों में ई-प्रिजन सिस्टम सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यालय से बजट आवंटित हो चुका है। इस सिस्टम में कैदियों का पूरा डाटा अपलोड किया जाएगा। बायोमैट्रिक सिस्टम से लैस इस सॉफ्टवेयर में कैदियों के अंगूठे के निशान भी लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब एक हजार कैदी हैं। इनसे मिलने आने वालों के लिए दिनभर लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। अगर कोई कैदी से मुलाकात के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगा तो सॉफ्टवेयर से प्रक्रिया पूरी कर मिलने की तिथि जारी कर दी जाएगी। इससे उसका यहां आकर घंटों बाहर इंतजार करने का समय बर्बाद नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए जेल के दो कर्मचारियों को देहरादून भेजकर ट्रेनिंग कराई जा चुकी है।
कैदियों की कुंडली भी रहेगी सॉफ्टवेयर में
हल्द्वानी : वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि ई-प्रिजन सिस्टम लगने से कैदियों के आपराधिक इतिहास भी ऑनलाइन रहेगा। धीरे-धीरे अन्य जेलों को भी हाईटेक किया जा रहा है। इससे भविष्य में यदि बदमाश किसी भी जेल में बंद होता है, तो उसके पुराने रिकार्ड के बारे में तुरंत जानकारी मिल जाएगी। वहीं पेपरलेस व्यवस्था से कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ भी कम हो जाएगा।यह भी पढ़ें : हो जाएं सावधान : लालच के लिंक से चल रहा डाटा चोरी का खेल
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