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तेज-धूप और गर्म हवा चलने से सूनी हो रहीं सड़कें, साेमवार तक हो सकती है बारिश

तराई-भाबर के लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं। चढ़ते तापमान और गर्म हवा चलने के कारण दोपहर में सड़कें सूनी हो जा रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 May 2019 04:36 PM (IST)
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तेज-धूप और गर्म हवा चलने से सूनी हो रहीं सड़कें, साेमवार तक हो सकती है बारिश
हल्द्वानी, जेएनएन : तराई-भाबर के लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं। चढ़ते तापमान और गर्म हवा चलने के कारण दोपहर में सड़कें सूनी हो जा रही हैं। ई-भाबर में बुधवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया वहीं गुरुवार दोपहर को भी गर्म हवा चल रही है। गर्मी मई महीने का तापमान तोड़ रही है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार तक मौसम का मिजाज गर्म बना रहेगा, जबकि रविवार को हल्की बारिश से मामूली राहत मिलने की उम्मीद है। 
हल्द्वानी-पंतनगर में बुधवार को दोपहर के समय अधिकतम तापमान 40 डिग्री के आंकड़े को पार कर गया। नैनीताल में अधिकतम तापमान 27.3 और मुक्तेश्वर में 27.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इससे मैदानी इलाकों में चिलचिलाती गर्मी बेचैन करने लगी है। दोपहर के समय सड़कों पर सामान्य दिनों के मुकाबले लोगों की आवाजाही कम नजर आ रही है। धूप से बचने के लिए लोग चेहरा ढक कर चल रहे हैं। स्कूलों की छुट्टी के दौरान लोग छाता लेकर बच्चों को लेने पहुंच रहे हैं। मौसम के तेवर में शुक्रवार तक नरमी के आसार नहीं हैं, जिससे गर्मी अभी और सताएगी। 

पिछले दस वर्षों में मई में हल्द्वानी-पंतनगर में अधिकतम तापमान 

वर्ष            दिनांक          अधिकतम तापमान 
2018        19 मई          40.7
2017        19 मई          40.4
2016        17 मई          40.1
2015        24 मई          40.8
2014        23 मई          40.4
2013        26 मई          40.3
2012        30 मई          40.5
2011        10 मई          39.5
2010        17 मई          40.7
2009        01 मई          41.0

नोट: अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में। 

1988 में 44.3 डिग्री रहा था हल्द्वानी का अधिकतम तापमान  
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में तराई-भाबर में 29 मई 1988 सबसे गर्म दिन था। इस दिन हल्द्वानी-पंतनगर में अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। अब तक मौसम का यह रिकॉर्ड नहीं टूटा है, लेकिन जिस तरह मई के प्रथम सप्ताह में ही मौसम का मिजाज बना हुआ है, अगर लगातार इसी तरह गर्मी बरकरार रही तो तराई-भाबर में पारा 42 डिग्री के आंकड़े को पार कर सकता है। 

पारे के साथ अस्‍पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्‍या 
पारा अपने चरम पर है। लू के थपेड़े चलने लगे हैं। ऐसे में लू लगने की समस्या भी बढऩे लगी है। सिर दर्द व भारीपन की समस्या को लेकर सबसे अधिक मरीज डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने भी तेजी से बढ़ते तापमान को देख गर्मी से बचाव करने की सलाह दी है। केएचआरसी के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. दिनेश चंद्र पंत कहते हैं कि लू लगने का सबसे अधिक खतरा अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव होता है। पिछले कुछ दिनों से ऐसा दिख रहा है। इसलिए ऐसे मौसम में लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी इनकी संख्या कम है। एसटीएच से लेकर बेस अस्पताल में भी इस तरह के मरीज आ रहे हंै। प्रतिदिन 20 से 25 ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिन्हें लू लगने से दिक्कत हो रही है। बेस अस्तपाल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस बिष्ट ने कहा कि बच्चों की खास देखभाल की जरूरत है।

ये हैं लू लगने के मुख्य कारण

- तेज धूप में लंबे समय तक रहना
- शरीर में पानी व नमक कम होना
- तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव होना
- ब्लड प्रेशर कम होना
- कम प्रतिरोधक क्षमता होना 

ये हैं लक्षण

- सिर दर्द होना
- सिर में भारीपन होना
- आंखों में जलन
- खून गर्म होना
- बुखार आना
- बेहोशी छा जाना

बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका

- लगातार धूप में न रहें
- अचानक तापमान न बदलें 
- लगातार पानी पीते रहें
- शरीर में नमक की कमी न होने दें
- दिक्कत होने पर डॉक्टर से परामर्श लें 

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