Move to Jagran APP

Nainital News: उत्तराखंड के वीर सपूत ने राजौरी में दिया सर्वोच्च बलिदान, बेसुध है परिवार

Nainital News जम्मू के राजौरी सेक्टर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में बेतालघाट ब्लॉक स्थित रातीघाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय पैरा कमांडो नाइन पैरा (स्पेशल फोर्स) संजय सिंह बिष्ट ने देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए प्राण न्योछावर कर दिए। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की खूबर रातीघाट क्षेत्र तक पहुंची तो कोहराम सा मच गया।

By manish sahEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 23 Nov 2023 01:58 PM (IST)
Hero Image
नाइन-पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात था कमांडो संजय सिंह बिष्ट
संवाद सूत्र, गरमपानी। कुमाऊं का एक और वीर सपूत मां भारती की आन, बान व शान की रक्षा के लिए बलिदानी हो गया। जम्मू के राजौरी सेक्टर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में बेतालघाट ब्लॉक स्थित रातीघाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय पैरा कमांडो नाइन पैरा (स्पेशल फोर्स) संजय सिंह बिष्ट ने देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए प्राण न्योछावर कर दिए।

सैन्य अधिकारी बलिदानी सपूत का पार्थिव शरीर लेकर जम्मू से उत्तराखंड के लिए निकल पड़े हैं। शुक्रवार की सुबह तक यहां पहुंचने की उम्मीद है। इधर जांबाज के बलिदान की खबर से स्वजन बेसुध हैं तो पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया है।

नाइन-पैरा स्पेशल फोर्स में थे कमांडो

रातीघाट निवासी दीवान सिंह बिष्ट का वीर पुत्र संजय सिंह बिष्ट भरतीय सेना की नाइन-पैरा स्पेशल फोर्स में कमांडो के तौर पर तैनात थे। जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर से लगभग 70 किमी दूर कालाकोट के गुलाबगढ़ के जंगल में आतंकी गतिविधियों की भनक थी। ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों को इसकी सूचना दी। इस पर बाजीमल क्षेत्र में कांबिंग शुरू की गई।

संजय सिंह बिष्ट ने दिया बलिदान

सैन्य सूत्रों के अनुसार इसी विशेष ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हो गई। आतंकियों के खात्मे को चलाए गए इस ऑपरेशन में 19-कुमाऊं रेजिमेंट की नाइन-पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात पैरा कमांडो संजय सिंह बिष्ट ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।

घर में मचा कोहराम

देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की खूबर रातीघाट क्षेत्र तक पहुंची तो कोहराम सा मच गया। स्वजन बदहवास हो गए। बलिदानी सपूत का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह तक रातीघाट स्थित उसके पैतृक गांव पहुंचने की सूचना है।

यह भी पढ़ें: राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता बलिदान; बचपन से थी सेना की वर्दी पहनने की तमन्ना, 9 पैरा के जाबांज थे

बाल्यावस्था से थी सैनिक बनने की धुन

जांबाज संजय जीआइसी रातीघाट का मेधावी छात्र रहा। भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा की ललक उसमें बचपन से ही थी। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद संजय वर्ष 2012 में 19-कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हुआ। कठिन प्रशिक्षण व मेहनत के दम पर उसे नाइन-पैरा की स्पेशल फोर्स में बतौर कमांडो तैनाती मिली। बीती एक नवंबर को ही संजय एक माह की छुट्टी बिताकर जम्मू लौटा था। इस दरमियान दूरभाष पर स्वजन की उससे वार्ता हुई। बलिदान से माहौल गमगीन है तो क्षेत्र गौरवान्वित भी है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।