Ramnagar LIU In-charge Arrest रामनगर एलआइयू इंचार्ज सौरव राठी व हेड कांस्टेबल गुरुप्रीत सिंह पकड़े गए। बीबीए के छात्र ने इनकी शिकायत सीएम पोर्टल पर कर साहस दिखाया तो विजिलेंस ने दोनों रिश्वतखोरों को गिरफ्तार करने में जरा भी देर नहीं लगाई। असल में एलआइयू इंचार्ज का खेल लंबे समय से चल रहा था लेकिन कोई उनके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Ramnagar LIU In-charge Arrest: हर गतिविधि पर पल-पल जानकारी रखने वाले स्थानीय खुफिया इकाई (एलआइयू) का रामनगर इंचार्ज सौरव राठी व हेड कांस्टेबल गुरुप्रीत सिंह अपने पकड़े जाने की आशंका को नहीं भाप सके। विजिलेंस के बुने जाल में दोंनों क्या फंसे, उसके काले कारनामों का चिट्ठा खुलकर सामने आने लगा।
असल में एलआइयू इंचार्ज का खेल लंबे समय से चल रहा था, लेकिन कोई उनके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। बीबीए के छात्र ने इनकी शिकायत सीएम पोर्टल पर कर साहस दिखाया तो विजिलेंस ने गिरफ्तार करने में जरा भी देर नहीं लगाई।
पूरे जिले में एलआइयू की भूमिका पर सवाल
एलआइयू इंचार्ज के पकड़े जाने से पूरे जिले में एलआइयू की भूमिका पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। पासपोर्ट में नाम पर
चाय से शुरू होने वाली रकम 500 से शुरू होकर 10 हजार तक पहुंच जाती है। पासपोर्ट के सत्यापन के नाम पर जैसा व्यक्ति मिलता है, उससे उसी हिसाब से पैसे की डिमांड कर दी जाती है। रामनगर में तो ऐसा ही चल रहा था। एलआइयू इंचार्ज की कहानी के किस्से भी शनिवार को सामने आने लगे।
चर्चा यह भी कि जिले में तैनात एक इंस्पेक्टर ने अपने किसी परिचित को एलआइयू इंचार्ज राठी के पास पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए भेजा था, मगर राठी ने उससे भी दो हजार रुपये ऐंठ लिए। लोग इसलिए शिकायत करने से बचते थे कि उनका बना बनाया काम न रुक जाए, मगर बीबीए के छात्र ने कुछ दिन पहले सीएम पोर्टल पर यह शिकायत कर दी।
लिखा कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर इंचार्ज
रिश्वत मांग रहे हैं। वह पढ़ाई करता है। ऐसे में रुपये क्यों दे। सीएम पोर्टल पर इस शिकायत को गंभीरता से लिया गया और मामले की जांच हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस को ट्रांसफर कर दी गई।
फील्डिंग बिछाकर दोनों रिश्वतखोरों को रंगेहाथ किया गिरफ्तार
सीओ अनिल मनराल ने जाल बिछा दिया और महिला इंस्पेक्टर ललिता पांडे को जांच में लगा दिया। जांच में आरोप सही पाए गए। शनिवार को सुनियोजित तरीके से सीओ मनराल ने फील्डिंग बिछाकर दोनों रिश्वतखोरों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इसकी भनक एलआइयू कर्मियों को तब हुई, जब रिश्वतखोर पकड़े जा चुके थे।
इंचार्ज व हेड कांस्टेबल दोनों होंगे निलंबित
शनिवार की शाम विजिलेंस दोनों रिश्वतखोरों को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही। घर के अलावा कार्यालय की तलाशी ली। इधर, विजिलेंस में दोनों के विरुद्ध रविवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में तहत प्राथमिकी हो सकती है। प्राथमिकी होते ही एलआइयू इंचार्ज व हेड कांस्टेबल का निलंबन तय है।
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