उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण मामले में पुनर्विचार याचिका
राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में दस फीसद क्षैतिज आरक्षण को खारिज करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 22 Mar 2018 09:57 PM (IST)
नैनीताल, [जेएनएन]: राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में दस फीसद क्षैतिज आरक्षण को खारिज करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है।
याचिका में राज्य आंदोलनकारियों को पीड़ित बताते हए राहत और पुनर्वास नीति का हकदार बताया गया है। साथ ही कहा है कि अब तक मुजफ्फरनगर कांड में महिलाओं से दुष्कर्म, छेड़छाड़ तथा हत्या के मामलों के आरोपियों को सजा नहीं हुई है। अधिवक्ता रमन साह ने बताया कि पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है। इस पर सुनवाई सोमवार या मंगलवार तक हो सकती है। यहां बता दें कि राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण के मामले में खंडपीठ के दो जजों द्वारा अलग अलग राय दी गई। जिसके बाद मामला मुख्य न्यायाधीश द्वारा तीसरी बेंच को रेफर कर दिया। तीसरी बैंच ने आरक्षण को असंवैधानिक घोषित करने के पक्ष में राय दी तो आरक्षण का फ़ैसला असंवैधानिक हो गया।
यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने के नोटिफिकेशन को किया निरस्त
यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने पूछा, निकायों के सीमा विस्तार से पहले सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया
यह भी पढ़ें: हार्इकोर्ट का आदेश, सुरक्षा मुहैया कराकर नाले का काम पूरा कराएं डीएम
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।