उत्तराखंड के साहिल सिंह 11 देशों के राष्ट्रपति को लाएंगे एक मंच पर, उम्र महज 26 साल, उपलब्धियां बेमिसाल, जानें इनके बारे में सबकुछ
उत्तराखंड के खाते में उपलब्धियों की फेहरिश्त लंबी है। यहां की प्रतिभाओं का डंका दुनियाभर में बज रहा है। तीन माह पहले स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के प्रधानमंत्री डॉ. लुइस जॉर्ज इन के सलाहकार बने 26 वर्षीय साहिल सिंह के खाते में कुछ और उपलब्धि जुड़ गई हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 19 Dec 2021 07:26 PM (IST)
रुद्रपुर, बृजेश पांडेय : उत्तराखंड के खाते में उपलब्धियों की फेहरिश्त लंबी है। यहां की प्रतिभाओं का डंका दुनियाभर में बज रहा है। तीन माह पहले स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के प्रधानमंत्री डॉ. लुइस जॉर्ज इन के सलाहकार बने 26 वर्षीय साहिल सिंह के खाते में कुछ और उपलब्धि जुड़ गई हैं। उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें प्रवक्ता एवं भारत के लिए विशेष प्रतिनिधि के अलावा अब तक 21 अतिरिक्त पदों का कार्यभार सौंपा गया है। इसके साथ ही उन्हें नागरिकता भी दे दी गई है। जागरण से बातचीत में साहिल ने बताया कि भारत और अफ्रीका के बीच तालमेल और संबंधों को मजबूत बनाने के लिए जल्द ही अफ्रीका सरकार 11 देशों के राष्ट्रपति के बीच अर्चुअल मीटिंग कराएगी। इसके साथ ही आयात-निर्यात को सुगम बनाने की रणनीति भी बनाई गई है।
ग्रीन पार्क रुद्रपुर निवासी सेवा सिंह के बेटे साहिल सिंह ने युवावस्था में ही कई उपलब्धियों को अपने नाम समेट लिया। साहिल ने रुद्रपुर के आरएएन स्कूल से स्कूलिंग एवं महर्षि विश्वविद्यालय नोएडा से बीसीए की पढ़ाई पूरी की है। आईटी और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में 33 डिप्लोमा सर्टिफिकेशन प्राप्त किए। कॅरियर की शुरुआत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रशिक्षण से शुरू की और 2016 में उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के निजी सचिव रहे। फिर दुबई की मल्टीनेशनल कंपनी में डायरेक्टर बने। इसके साथ भारत व कनाडा सहित कई देशों की कंपनी में काम भी किया।
साहिल जनवरी 2019 में मॉडल यूनाइटेड नेशन में डेलीगेट में भी रहे। कई देशों के प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति के साथ हुई मुलाकात और कार्यों को देखते हुए स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के प्रधानमंत्री डॉ. लुइस जॉर्ज इन ने आठ सितंबर 2021 को अपना सलाहकार बनने का प्रस्ताव भेजा। जिसका पर हामी भरने के बाद साहिल को सलाहकार का नियुक्ति पत्र दिया गया।
साहिल ने बताया कि बतौर डायस्पोरा के पीएम के सलाहकार बनने पर पूरी लगन से काम किया। जिसके एक माह बाद ही उन्हें प्रवक्ता एवं विशेष प्रतिनिधि के अलावा अब तक 21 अतिरिक्त पदों का कार्यभार सौंपा गया है। वर्तमान में कोविड के चलते काम दुबई से आपरेट किया जा रहा है। स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा से प्रोटोकॉल मिलने के बाद उनका पहला काम भारत और स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित करना है। ताकि दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होने के बाद उद्योगों, बैंकिंग व शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित कर सके।
आयात-निर्यात पर जोर, एक माह के अंदर जीजीसी लाने की तैयारी
आयात-निर्यात को और प्रभावी बनाने के लिए एक माह के अंदर जीसीसी यानी गर्वनमेंट ग्लोबल आफ चेंबर्स लाने की तैयारी है। जैसे कि आयात निर्यात, इनवेस्टमेंट आदि के लिए अफ्रीका में कोई ऐसी रेगुलेटरी अब तक नहीं है जो इसे मानिटर कर सके। जिससे इंपोर्टर एवं एक्सपोर्टर दोनों परेशान हैं। किसी का माल तो किसी का पैसा फंस जाता है। ऐसे में अपने हक के लिए वह लड़ाई भी नहीं लड़ पाते हैं। इसके लिए अफ्रीका सरकार गर्वनमेंट ग्लोबल आफ चेंबर्स लाएगी। जिसमें 55 देशों के इंपोर्टर एवं एक्पोर्टर जुड़ेंगे। इससे किसी का माल व पैसा नहीं फंसेगा। अफ्रीकन सरकार भी किसी से कोई भी शुल्क नहीं लेगा। गर्वनमेंट के अंडर में कांट्रेक्ट साइन करने पर इसका लाभ मिलेगा।
पहली बार 11 देशों के राष्ट्रपति एक मंच पर चीन की हरकतों को देखते हुए अमेरिका अफ्रीका को सहयोग देने में आनाकानी कर रहा है। जिसके देखते हुए अब अफ्रीका सरकार भारत संग अपने रिश्ते मजबूत करने की पूरी तैयारी में है। जल्द ही 11 देशों के राष्ट्रपति एक ही मंच पर वर्चुअल मीटिंग कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जिसमें आयात एवं निर्यात सहित विकास को लेकर विभिन्न मुद्दे पर चर्चा होगी। भविष्य में एक्पोर्ट इंपोर्ट के साथ व्यापारियों को राहत देने पर काम किया जाएगा।
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