संभल में हुए बवाल के बाद हल्द्वानी में अलर्ट, सभी चौकियों को भेजा गया संदेश
संभल में जामा मस्जिद में हुई हिंसा के बाद हल्द्वानी में पुलिस अलर्ट हो गई है। कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है। दरअसल हल्द्वानी में फरवरी महीने के दौरान उस वक्त हिंसक प्रदर्शन हो गए थे। जब सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसे को ध्वस्त करने गई पुलिस-प्रशासन-नगर निगम की टीम पर हमला हो गया था।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। संभल के जामा मस्जिद में हिंसा के बाद सुरक्षा की दृष्टि से हल्द्वानी में पुलिस अलर्ट हो गई है। यहां कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है। खुफिया विभाग भी सतर्क हो चुका है।
क्या हुआ था हल्द्वानी में
फरवरी 2024 में उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी। वहां खड़े पुलिस व मीडियाकर्मियों के दर्जनों वाहन पेट्रोल बम से जला डाले। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह थाने से भागकर जान बचाई थी। इस हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई थी।
संभल के बवाल से शासन तक खलबली, अफसरों से रिपोर्ट तलब
संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा करने के बाद सर्वे को लेकर हुए बवाल से शासन तक में खलबली मच गई। क्योंकि यहां पर चार घंटे तक बेहिसाब पथराव, फायरिंग और आगजनी होने से पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी घायल हुए हैं। चार लोगों की मौत भी हुई है। इसलिए शासन स्तर से प्रकरण की निगरानी चल रही है। इसलिए यहां के अफसराें से रिपोर्ट तलब हो रही है।
दरअसल, संभल पहले से ही संप्रदायिक माहौल को लेकर संवेदनशील की श्रेणी में रहा है। क्योंकि यहां पर मुस्लिम संप्रदाय के लोग अधिक भी हैं। इसलिए प्रदेश में अलग स्थानों पर होने वाले मजहबी विवाद के बाद यहां पर अलर्ट भी जारी किया जाता है।रविवार की सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक चले इस बवाल में चार लोगों की मौत, पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के घायल होने और वाहनों में आग लगाने की खबर जब फैली तो पूरे प्रदेश में हलचल का माहौल बन गया। न सिर्फ जिलों में अलर्ट जारी किया गया बल्कि शासन के अधिकारियों की नजर भी संभल पर आ टिकीं।
शासन स्तर पर बैठने वाले अधिकारी कभी मंडलायुक्त तो कभी जिलाधिकारी से इस प्रकरण की रिपोर्ट तलब करते हुए नजर आए। पुलिस अधीक्षक के द्वारा भी इस मामले के बारे में डीजी दफ्तर को अवगत कराया गया है।
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