रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार एसडीएम कोर्ट के लिपिक को चार साल की कैद nainital news
साढ़े चार साल पहले दो हजार रुपये रिश्वत लेते विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़े काशीपुर एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन अहलमद फौजदारी (लिपिक) अरविंद कुमार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 05 Dec 2019 11:54 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : साढ़े चार साल पहले दो हजार रुपये रिश्वत लेते विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़े काशीपुर एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन अहलमद फौजदारी (लिपिक) अरविंद कुमार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने दोषी को चार साल का कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार चौहान ने 15 जून 2015 को सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) कार्यालय हल्द्वानी में शिकायती पत्र देते हुए तत्कालीन अहलमद फौजदारी अरविंद कुमार पर मुवक्किल दिनेश कुमार से धारा 107/116 में कानूनी कार्रवाई न करने के एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर निरीक्षक केवलानंद आर्य के नेतृत्व में गठित टीम ने अगले ही दिन अरविंद कुमार को शिकायतकर्ता वीरेंद्र कुमार चौहान से दो हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।अरविंद के विरुद्ध सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी में धारा 7/13 (1) डी सपठित 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। यह मामला विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नैनीताल की अदालत में चला। न्यायालय ने बुधवार को अपना आदेश सुनाते हुए अरविंद को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत चार साल कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड व धारा 13 (1) डी सपठित 13 (2) के तहत चार साल कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर अरविंद को दो माह का अतिरिक्त कारावास होगा। सभी सजाएं साथ चलेंगी।
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