सुबह की गुनगुनी धूप के बीच यहां करें रंग-बिरंगे मेहमान परिंदों का दीदार
परवान चढ़ती सर्दी में सुबह की गुनगुनी धूप के बीच रंग बिरंगे परिंदों का दीदार करना है तो पर्यटक नगरी रानीखेत चले आइए।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 19 Dec 2018 07:23 PM (IST)
रानीखेत, जेएनएन : परवान चढ़ती सर्दी में सुबह की गुनगुनी धूप के बीच रंग बिरंगे परिंदों का दीदार करना है तो पर्यटक नगरी रानीखेत चले आइए। यहां जैव विविधता से लबरेज जंगलात मेहमान व मेजबान पछियों के मधुर स्वर से चहक उठी है। तराई का तोता परिवार का 'रेड ब्रेस्टेड पैराकीट' व यलो फुटेड ग्रीन पीजन (हरियाली) अबकी दिसंबर मध्य में ही अपनी खूबसूरती बिखेरने लगे हैं। खास बात कि सैलानियों के शहर से सटे मिनी कॉर्बेट यानी दलमोठी व कालिका रेंज के साथ ही रानीझील आदि जंगलातों में स्थानीय के साथ ही 50 से ज्यादा रंग- बिरंगे पक्षियों के संसार ने पर्यटन विकास की उम्मीदों केा पंख लगाए हैं।
प्रदेश में पहली बार अल्मोड़ा महोत्सव के तहत बर्ड वॉचिंग ने रानीखेत में पक्षियों के अद्भुत संसार का राज खोला तो अब बर्ड वॉचरों की बढ़ती दिलचस्पी ने पक्षी अवलोकन के बहाने पर्यटन विकास की उम्मीदों को पंख लगाए हैं। बर्ड वॉचर एवं नेचर फोटोग्राफर कमल गोस्वामी ने यहां एक ही सुबह में मिनी कॉर्बेट यानी दलमोठी वन रेंज, कालिका, रानीझील, चौबटिया, मजखाली, सिलंगी व उपराड़ी की ढलान में दो चार नहीं बल्कि बीस से ज्यादा निराले पंछियों का दीदार किया और कैमरे में कैद भी किया। इनमें पर्वतीय क्षेत्रों में बहुत कम दिखाई देने वाला मेहमान पक्षी 'रेड ब्रेस्टेड पैराकीट' व यलो फुटेड ग्रीन पीजन भी शामिल रहे।
तराई का है मूल पक्षी है 'रेड ब्रेस्टेड पैराकीट'सुप्रसिद्ध नेचर फोटोग्र्राफर व सदस्य स्टेट वाइल्ड लाइफ एडवाइजरी बोर्ड अनूप साह कहते हैं, तोता परिवार का 'रेड ब्रेस्टेड पैराकीट' मूल रूप से तराई का पक्षी है, जो सर्दी में पहाड़ पर आ जाता है। ऐसे पक्षियों का रानीखेत में मिलना सुखद है। इसके अलावा उच्च हिमालय से शिवालिक की गोद में बसे रानीखेत पहुंचने वाले पक्षियों में रसेट स्पैरो, रॉक बंटिंग, स्पॉट विंग्ड, रोजफिंच व्हाइट कलर ब्लैक बर्ड, पिंक ब्रॉड रोजफिंच यूरोपियन गोल्ड व माउंटेन फिंच आदि मेहमान पक्षियों का आना भी शुरू हो गया है।
दो सौ से अधिक पंक्षियों का बसता है संसार
कमल गोस्वामी, बर्ड वॉचर ने बताया कि रानीखेत के वन क्षेत्रों में 200 से ज्यादा पंछियों का संसार बसता है। 'रेड ब्रेस्टेड पैराकीट' बहुत कम दिखता है। इसका कैमरे में कैद होना बड़ी उपलब्धि है। सरकार पहल करे तो यहां पक्षी अवलोकन से जुड़ी गतिविधियां पर्यटन के साथ स्थानीय युवाओं खासतौर पर बर्ड वॉचरों को स्वरोजगार भी दिया जा सकता है।यह भी पढ़ें : एलपीजी की घटतौली से रोजाना ढाई लाख का खेल, जानिए कैसे हो रहा गोलमाल
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