शंकराचार्य बोले, गंगा को राष्ट्रीय नदी तो घोषित कर दिया, लेकिन उसकी स्थिति जस की तस
गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों उत्तराखंड भ्रमण पर हैं। हल्द्वानी नैनीताल के बाद उनका प्रवास इन रुद्रपुर है। जहां वे प्रबुद्धजनों से संवाद कर रहे हैं। बुधवार को संवाद के दौरान उन्होंने गंगा नदी को लेकर कई अहम बातें कहीं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 02 Dec 2021 09:19 AM (IST)
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों उत्तराखंड भ्रमण पर हैं। हल्द्वानी, नैनीताल के बाद उनका प्रवास इन रुद्रपुर है। जहां वे प्रबुद्धजनों से संवाद कर रहे हैं। बुधवार को संवाद के दौरान उन्होंने गंगा नदी को लेकर कई अहम बातें कहीं। शंकराचार्य ने कहा कि गंगा को राष्ट्रीय नदी तो घोषित कर दिया लेकिन उसकी स्थिति जस की तस ही है।
शंकराचार्य ने कहा कि जब मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब कुछ हिंदूवादी संगठनों ने गांगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की मांग की। उस समय उनकी बात अनसुनी कर दी गई। तब मनमोहन सिंह ने सोचा होगा कि ऐसी घोषणा करेंगे तो उसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। इसलिए बाद में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया। लेकिन आज तक गंगा की स्थिति में सुधार नहीं हो सका।जगतगुरु शंकराचार्य ने गोवंश हत्या सवालों पर बोलते हुए कहा कि इन मामलों में हिंदू व्यापारी भी शामिल हैं। इसलिए हम सिर्फ दूसरों पर आरोप न लगाएं। किसी भी राजनीतिक दल ने गोहत्या रोकने पर गौर ही नहीं किया। जब हिंदू ही गोरक्षकों के लिए गुंडे शब्द का प्रयोग करेंगे तो हत्यारों के हौसले बुलंद होंगे ही।
बुधवार को शंकराचार्य निश्वलानंद सरस्वती रुद्रपुर में हरि चंद मिड्डा के आवास पर दीक्षा व संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। लोगों के सवालों का जवाब देते हुए जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा जब तक गोवंश का वाणिज्य एवं कृषि कार्य में प्रयोग नहीं लिया जाएगा, उनकी सुरक्षा नहीं हो सकती। इस मौके पर विधायक राजकुमार ठुकराल, हरवंश, राधेश्याम, राजेश पाठक, संजय ठुकराल आदि मौजूद थे।
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