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चुनावी वादों के बीच सेहत और खेल फिर उम्मीद बनेंगे, चिकित्सकों का टोटा, स्टेडियम भी अधूरा

चुनाव के नजदीक आने के साथ सियासत चरम पर है और वादों का गुलदस्ता भी तैयार हो गया है। नेताओं के वादों का पिटारा धीरे-धीरे खुल रहा है। अब एक से बढ़कर एक वादे होंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 27 Mar 2019 11:08 AM (IST)
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चुनावी वादों के बीच सेहत और खेल फिर उम्मीद बनेंगे, चिकित्सकों का टोटा, स्टेडियम भी अधूरा
हल्द्वानी, जेएनएन : चुनाव के नजदीक आने के साथ सियासत चरम पर है और वादों का गुलदस्ता भी तैयार हो गया है। नेताओं के वादों का पिटारा धीरे-धीरे खुल रहा है। अब एक से बढ़कर एक वादे होंगे। ऐसे में चुनावी वादों के बीच सेहत और खेल फिर उम्मीद बनेंगे। स्वास्थ्य महकमे में खल रही चिकित्सकों की कमी पूरी होने की उम्मीद जनता कर रही है तो इसके साथ ही खिलाड़ी भी नेताओं के वादों में खुद के भविष्य को तलाश रहे हैं।

महिला अस्पताल में कमी 

हल्द्वानी का महिला अस्पताल शिलान्यास के बाद भी अधूरा पड़ा है। यहां पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले साल इसका उद्घाटन किया था, मगर इसमें चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। इस अस्पताल पर बड़ी आबादी की निर्भरता है, मगर हालात नहीं सुधर रहे।

महिला अस्पताल का यह है हाल

पद                                   संख्या         मानक

अधीक्षक                            0              1

स्त्री रोग विशेषज्ञ                3              9

चिकित्सक                         5              9

एनेस्थेटिक्स                      1              2

रेडियोलॉजिस्ट                    0             1

पैथोलॉजिस्ट                      0             1

बालरोग विशेषज्ञ                1            2

गाइनोक्लाजिस्ट                2            5

चीफ फार्मासिस्ट                 2            2

फार्मासिस्ट                        1            2

लैब सहायक                      0            3

बेस अस्पताल में कमी

बेस अस्पताल में भी मु_ी भर चिकित्सक मरीजों को देख रहे हैं। यहां फार्मासिस्ट की भारी कमी है। सिर्फ दो फार्मासिस्ट ही कार्यरत हैं। इन्हीं के सहारे पूरा अस्पताल चल रहा है। इनमें भी एक के छुट्टी पर जाने पर सिर्फ एक पर पूरा भार आ जाता है।

सुशीला तिवारी में कमी

डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में भी मुख्य चिकित्सकों की कमी है। यहां पर कार्डियोलॉजिस्ट, हार्टकेयर, न्यूरोलॉजिस्ट, हेड इंजरी के साथ नेफ्रोलॉजिस्ट की लंबे समय से तैनाती नहीं हुई है। यहां पद स्वीकृत हैं, मगर, अब भी अस्पताल को इंतजार है।

हल्द्वानी में खिलाडिय़ों को उम्मीदें

2016 से बन रहे गौलापार अंतराराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था। जिसमें फुटबाल मैदान, हॉकी फील्ड, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस कोर्ट, बॉक्सिंग ङ्क्षरग और स्वीमिंग पूल भी बनना था। 2500 सीटों की क्षमता वाला यह स्टेडियम अब उपेक्षा का शिकार है और अब तक नहीं तैयार हो सका है। चुनावी वादों में प्रत्याशी यहां पर बड़े आयोजन का दंभ भर रहे हैं, आयोजन कैसे होंगे, जब स्टेडियम ही अपूर्ण हो।

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