देशभर में टॉप थ्री में अपनी जगह बनाने वाली हल्द्वानी की श्रेया के सफलता की जानिए कहानी
गुरुवार दोपहर सीबीएसई का रिजल्ट घोषित होते ही हल्द्वानी की बेटी ने प्रदेश के साथ देश का मान भी बढ़ा दिया। बिड़ला स्कूल की श्रेया पांडे देश के टॉप थ्री बच्चों में शामिल हो गईं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 10:31 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : गुरुवार दोपहर सीबीएसई का रिजल्ट घोषित होते ही हल्द्वानी की बेटी ने प्रदेश के साथ देश का मान भी बढ़ा दिया। बिड़ला स्कूल की श्रेया पांडे देश के टॉप थ्री बच्चों में शामिल हो गईं। उन्हें पांच सौ में से 497 अंक प्राप्त हुए। चिकित्सक दंपती की बेटी ने कड़ी-मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है। परिजनों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि बेटी बेहतर करेगी, लेकिन परिणाम ने उन्हें भी हैरान कर दिया।
गुरुवार दोपहर अचानक सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट घोषित होने पर बच्चों संग परिजनों ने भी स्कूलों को दौड़ लगा दी। कुछ इंटरनेट पर अपना रोल नंबर डालकर चेक करने लगे। इस बीच पता चला कि तिकोनिया कैनाल कॉलोनी निवासी डॉ. सिद्धार्थ पांडे व डॉ. श्वेता पांडे की बेटी श्रेया ने 497 नंबर लेकर देश में तीसरा नंबर हासिल किया है। श्रेया के पिता नैनीताल रोड स्थित कृष्णा अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ हंै, जबकि मां डॉ. श्वेता पांडे का मुखानी चौराहे पर आई क्लीनिक है। परिजनों ने बताया कि श्रेया इस समय नोएडा में नानी के घर गई हुई है। भविष्य में वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है।
गुरुवार दोपहर अचानक सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट घोषित होने पर बच्चों संग परिजनों ने भी स्कूलों को दौड़ लगा दी। कुछ इंटरनेट पर अपना रोल नंबर डालकर चेक करने लगे। इस बीच पता चला कि तिकोनिया कैनाल कॉलोनी निवासी डॉ. सिद्धार्थ पांडे व डॉ. श्वेता पांडे की बेटी श्रेया ने 497 नंबर लेकर देश में तीसरा नंबर हासिल किया है। श्रेया के पिता नैनीताल रोड स्थित कृष्णा अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ हंै, जबकि मां डॉ. श्वेता पांडे का मुखानी चौराहे पर आई क्लीनिक है। परिजनों ने बताया कि श्रेया इस समय नोएडा में नानी के घर गई हुई है। भविष्य में वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है।
टीवी देखा ओर गेम भी खेला
फोन पर हुई बातचीत में टॉप थ्री में शामिल श्रेया ने बताया कि परीक्षा के दौरान भी उसने अपनी दिनचर्या नहीं बदली। वह घर पर टीवी भी देखती थी व मोबाइल पर गेम भी खेलती थी। अक्सर देखा जाता है कि परीक्षा के दौरान परिजन बच्चों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा देते हैं। लेकिन श्रेया के माता-पिता ने उसे फ्री माइंड रखा। यही वजह है कि बिना किसी दबाव के उसने खुद को साबित कर दिया। तीन ट्यूटर और दिन में आराम भी
श्रेया स्कूल से आने के बाद घर पर ही कोचिंग लेती थी। परिजनों ने बताया कि फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित के ट्यूटर घर पर पढ़ाने आते। रोज वह दो विषयों की क्लास एक-एक घंटे के लिए लेती। रात में साढ़े 12 बजे तक पढऩे वाली श्रेया दिन में एक से दो घंटे तक आराम करती है।
फोन पर हुई बातचीत में टॉप थ्री में शामिल श्रेया ने बताया कि परीक्षा के दौरान भी उसने अपनी दिनचर्या नहीं बदली। वह घर पर टीवी भी देखती थी व मोबाइल पर गेम भी खेलती थी। अक्सर देखा जाता है कि परीक्षा के दौरान परिजन बच्चों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा देते हैं। लेकिन श्रेया के माता-पिता ने उसे फ्री माइंड रखा। यही वजह है कि बिना किसी दबाव के उसने खुद को साबित कर दिया। तीन ट्यूटर और दिन में आराम भी
श्रेया स्कूल से आने के बाद घर पर ही कोचिंग लेती थी। परिजनों ने बताया कि फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित के ट्यूटर घर पर पढ़ाने आते। रोज वह दो विषयों की क्लास एक-एक घंटे के लिए लेती। रात में साढ़े 12 बजे तक पढऩे वाली श्रेया दिन में एक से दो घंटे तक आराम करती है।
जेइई मेंस में भी परचम
श्रेया का सपना भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का है। उसने कुछ समय पूर्व जेइई मेंस की परीक्षा दी थी। तीन दिन पहले परिणाम आने पर उसे 99.23 प्रतिशत माक्र्स मिले। मां डॉ. श्वेता पांडे ने बताया कि नोएडा वह प्रतियोगी परीक्षा का एंट्रेस इग्जाम देने गई है। तीन सब्जेक्ट में पूरे नंबर
श्रेया को केमिस्ट्री, मैथ्स व अंग्रेजी में सौ नंबर मिले हैं। इसके अलावा फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में 98-98 नंबर हासिल किए हैं। गुरुवार को डॉ. श्वेता को फोन कर स्कूल ने रोल नंबर मांगा था। कुछ देर बाद फोन पर उन्हें बेटी के टॉपर बनने की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने सीधा श्रेया को फोन मिलाया।
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श्रेया को केमिस्ट्री, मैथ्स व अंग्रेजी में सौ नंबर मिले हैं। इसके अलावा फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में 98-98 नंबर हासिल किए हैं। गुरुवार को डॉ. श्वेता को फोन कर स्कूल ने रोल नंबर मांगा था। कुछ देर बाद फोन पर उन्हें बेटी के टॉपर बनने की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने सीधा श्रेया को फोन मिलाया।
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