स्कीइंग के शौकीनों पर मौसम मेहरबान, बस एक और बर्फबारी का इंतजार
प्रदेश में ओली के बाद स्नो स्कीर्इंग के लिए उपयुक्त मुनस्यारी के खलिया टॉप में इस बार मौसम मेहरबान हो चुका है। खलिया में स्कीईंग के लिए बर्फ है बस अब इंतजार खिलाडि़यों का है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 15 Dec 2018 06:34 PM (IST)
पिथौरागढ़, जेएनएन : प्रदेश में ओली के बाद स्नो स्कीइंग के लिए उपयुक्त मुनस्यारी के खलिया टॉप में इस बार मौसम मेहरबान हो चुका है। खलिया में स्कीईंग के लिए बर्फ है बस अब इंतजार खिलाडियों का है। खलिया टॉप तक पहुंचने के लिए अभी तक व्यवस्थाएं नहीं होने से स्कीइंग के शौकीन मायूस हैं।
ओली के बाद खलिया टॉप को स्नो स्कीइंग के लिए उपयुक्त बताया गया है। ओली में जहां सारी सुविधाएं हैं वहीं खलिया में आज तक सुविधाओं का अभाव है। ठहरने के लिए मात्र केएमवीएन का भुजानी के पास एक रेस्टहाउस है जो किसी निजी व्यक्ति को दिया गया है। जिसके चलते खिलाडिय़ों के रहने की भी व्यवस्था नहीं है। वहीं खलिया पहुंचने के लिए पांच किमी की खड़ी चढ़ाई का ट्रैक है। जिसके चलते खिलाड़ी वहां तक जाने से कतराते हैं।रोप- वे का निर्माण अधर में
ओली की तरह खलिया टॉप को स्नो स्कीइंग के लिए विकसित करने को मुनस्यारी से खलिया टॉप तक रोप -वे कांग्रेस शासनकाल में स्वीकृत हुआ। सर्वे के बाद आगे की कवायद थम गई। रोप वे बनने से पर्यटक खलिया तक रोप वे से पहुंचते और स्कीइंग का आनंद उठाते यह कल्पना साकार रूप नहीं ले पा रही है। इसके अलावा वहां तक सड़क निर्माण का वादा भी केवल घोषणा तक सीमित रह गया। जिसके चलते पर्याप्त बर्फ होने के बाद भी खलिया में स्नो स्कीईंग नहीं हो पा रहा है। खलिया में स्नो स्कीईंग के लिए डेढ़ किमी का मैदान है। सुविधाएं जोड़े जाने पर विशेषज्ञों के अनुसार यह ओली से भी अच्छा है।
बिटलीधार-डांडाधार में ही स्नो स्कीइंग की संभावना
मुनस्यारी नगर के शीर्ष में स्थित बिटलीधार -पातलथौड़- डांडाधार में स्नो स्कीर्इंग होती है। जहां अभी स्कीइंग के लिए पर्याप्त बर्फ नहीं है। स्नो स्कीईंग के लिए ढाई से तीन फीट बर्फ चाहिए। जो खलिया में तो है परंतु रोड किनारे बिटलीधार से पातलथौड़ तक नहीं है। अगला हिमपात शीघ्र होने पर यहां स्नो स्कीइंग संभव है।
बिटलीधार तक सुविधाएं उपलब्ध कराए सरकार साहसिक खेलों से जुड़ी संस्थाओं के लोगों का कहना है कि खलिया टॉप तक सुविधाओं की कमी स्नो स्कीइंग में बाधक बनी है। मैदान भी है बर्फ भी है परंतु पहुंचने और रहने की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। आइस संस्था के बासु पांडेय का कहना है कि खलिया को ओली की तरह विकसित करने की घोषणाएं कोरी साबित हुई हैं। एडवंचर लवर्स के अशोक भंडारी का कहना है कि खलिया में सुविधाएं जुड़े तो यह अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएगा। ओली की तर्ज पर यहां भी बर्फ के खेल हो सकेंगे। मोनाल संस्था के सुरेंद्र पवार का कहना है कि खलिया नैसर्गिक रू प से स्नो स्कीईंग के लिए माकूल है बस सुविधा उपलब्ध कराने भर की देर है।
खलिया में स्कीइंग के लिए पर्याप्त बर्फ केएमवीएन प्रबंधक साहसिक दिनेश गुरुरानी ने बताया कि खलिया में स्कीइंग के लिए पर्याप्त बर्फ है। केएमवीएन स्नो स्कीईंग के लिए तैयार है परंतु खलिया तक पहुंचने और रहने की व्यवस्था नहीं है। बिटलीधार से डांडाधार तक एक और बर्फबारी की प्रतीक्षा है । बर्फ गिरते ही बिटलीधार में स्कीईंग प्रारंभ कर दी जाएगी।
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