उत्तराखंड में हिमपात ने तोड़ा रिकार्ड, कुमाऊं में सालों बाद इस कदर बर्फ से लकदक हुईं चोटियां
उत्तराखंड में इस बार हिमपात का रिकॉर्ड टूटा है। खासकर कुमाऊं मंडल में। ऊधसिंहनगर को छोड़कर सभी जिलों की चोटियां बर्फ से लकदक हो गईं हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 06:59 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड में इस बार हिमपात का रिकॉर्ड टूटा है। खासकर कुमाऊं मंडल में। नैनीताल में सालों बाद बर्फ से चीड़ व बाज के पेड़ लकदक हो गए, वहीं भीमताल में भी वर्षों बाद हुई बर्फबारी ने लोगों के चेहरे पर रौनक ला दी है। चंपावत जिले के युवाओं को याद नहीं कि पिछली नगर में कब बर्फ पड़ी, लेकिन इस बार घर के छत और रास्ते बर्फ से ढक गए हैं। पिथौरागढ़ शहर में सीजन का पहला हिमपात हुआ। अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी बर्फबारी ने रिकॉर्ड तोड़ा है। हालांकि इस बर्फबारी ने पहाड़ के लोगों के सामाने मुश्किल भी पैदा की है। कई गांवों का मुख्यमार्गों से संपर्क कट गया तो मुनस्यारी व पिंडारी घाटी के लोगों को बर्फ गर्म कर पानी पीना पड़ रहा है। कुछ स्थानों पर बिजली का संकट भी पैदा हो गया है। वहीं कई शहरों में बर्फ में वाहनों के फंसे रहने की भी खबरें आईं।
ढाई दशक बाद भीमताल में हिमपात
भीमताल में पूरे ढाई दशक बाद बुधवार रात ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ। सुबह करकोटक की पहाड़ी पर बर्फ की चादर देख पर्यटकों के चेहरे खिल उठे। करकोटक और भांकर में रहने वाले लोंगों ने इसका भरपूर आनंद लिया। दूसरी ओर, जंगलियागांव में भी बर्फबारी ने पर्यटकों को अपनी ओर खींचा। इस इलाके के लिए मोटर मार्ग होने के चलते स्थानीय लोग भी बड़ी तादाद में हिमपात देखने पहुंचे। पर्यटन कारोबारियों में भी खासा उत्साह है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुल्याल ने बताया कि वर्ष 1994 के बाद पहली बार बर्फ गिरी। नैनीताल की तरह लोग यहां भी बर्फ को देखने पहुंच रहे हैं। हालांकि ऊंचाई पर बर्फबारी होने से लोग दूर से बर्फबारी का आनंद ले पा रहे हैं। वहीं धारी और ओखलकांडा ब्लॉक में बुधवार रात बर्फबारी से मोटर मार्ग बंद हो गए। सुबह रास्तों पर आधा फीट से अधिक बर्फ जमी नजर आई। पदमपुरी -मटियाल मार्ग पर कई वाहन बर्फ में फंस गए। राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग को पदमपुरी से धानाचूली तक लगभग 18 किमी मार्ग खोलने में आठ घंटे से अधिक का समय लग गया। जेसीबी से रास्तों से बर्फ हटाई गई। राजस्व निरीक्षक ललित जैड़ा ने बताया कि धानाचूली से आगे मोटर मार्ग को खोल दिया गया अलबत्ता अल्मोड़ा से कोई वाहन नहीं आ रहा है।
नैनीताल में ऊंचे इलाकों में एक फीट से ज्यादा बर्फ जमी जबर्दस्त बर्फबारी ने नैनीताल को हिम की सफेद चादर में तब्दील कर दिया। नगर के ऊंचे क्षेत्रों में एक फीट से अधिक व निचले क्षेत्रों में चार इंच हिमपात हुआ। मौसम की तीसरी बर्फबारी सैलानियों के लिए मौज मस्ती बनकर बरसी। नगर में चारों ओर सैलानी बर्फबारी में मस्ती करते दिखे। सुबह आंख खुलते समूचा नगर बर्फ की चादर में लिपटा नजर आया। घरों के साथ ही पेड़ पौधे बर्फ से लकदक दिखे। मार्गों से बर्फ हटाने के लिए जेसीबी लगानी पड़ी। वहीं, संपर्क मार्गों पर स्थानीय लोगों व पर्यटकों के वाहन घंटों फंसे रहे। बमुश्किल निचली सड़कों में वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी। इस दौरान सैलानियों की आमद से दोपहर में नगर के पार्किंग स्थल फुल हो गए। अधिक हिमपात के चलते किलबरी-पंगूठ-कुंजखड़क मार्ग, कालाढूंगी मार्ग पूरी तरह यातायात के लिए बाधित रहा।
पिथौरागढ़ नगर में मौसम का पहला हिमपात पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में गुरुवार को मौसम का पहला हिमपात हुआ। दो घंटे तक हुई बर्फबारी से पूरे शहर में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। मुख्यालय के आसपास की चोटियों पर आधा फीट से अधिक हिमपात हुआ। सीमांत तहसील मुनस्यारी में लगातार हो रही बर्फबारी से हालात बेहद खराब हो गए हैं। मुख्यालय को जोडऩे वाली दूसरी सड़क भी बर्फबारी से बाधित हो गई है। पेयजल लाइनें जम जाने से लोगों को पानी के इंतजाम के लिए बर्फ गलानी पड़ रही है। बिजली गुल होने से लोगों की दिक्कत और बढ़ गई है। बेरीनाग, डीडीहाट और गंगोलीहाट में भी जमकर हिमपात हुआ है।
मुनस्यारी में हालात बेहद खराब, दूसरी सड़क भी बर्फबारी से बंद सीमांत तहसील मुनस्यारी में लगातार हो रही बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग पांचवें रोज भी नहीं खुल सका। दूसरी और मुनस्यारी-जौलजीवी मोटर मार्ग भी बर्फबारी के चलते दरकोट के पास बाधित हो गया है। दोनों सड़कें बंद हो जाने से सीमांत तहसील का शेष जगत से संपर्क कटा हुआ है। बर्फबारी से कई स्थानों पर बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पेड़ गिरने से विद्युत पोलों को नुकसान हुआ है। बुधवार रात से ही तहसील मुख्यालय की बिजली गुल है, जिससे लोगों की समस्या और बढ़ गई है। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। ठंड के चलते व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। तापमान माइनस में चले जाने के चलते पेयजल लाइनों में पानी जम गया है। जिससे पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। लोगों को अपनी जरू रत पूरी करने के लिए बर्फ गलाकर पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। तहसील मुख्यालय में 24 घंटे में तीन फीट बर्फबारी हुई है। बर्फबारी जारी है।
चम्पावत में कई सालों बाद हुई बर्फबारी बुधवार झमाझम बारिश और तड़के हुई बर्फबारी। सुबह जैसे ही लोगों ने घर से बाहर निकल कर देखा तो चारों अवोर सिर्फ सफेद चादर। जिसे देख लोग आनंदित हो उठे। जी हां गुरुवार सुबह चंपावत, लोहाघाट, पाटी नगरों में जमकर बर्फबारी हुई। नगरों क्षेत्र के अलावा ऊंची चोटियों पर जबर्दस्त बर्फबारी हुई। नगरों में दो से तीन इंच तक, तो देवीधुरा की ऊंची चोटी, मायावती आश्रम, हिंग्लादेवी, झुमाधुरी, क्रांतेश्वर, मंच, चतुरबोट आदि में एक फीट तक हिमपात हुआ। बर्फबारी से काश्तकारों सहित बर्फ का आनंद उठाने वालों के चेहरे खिले रहे तो वहीं बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाने से लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। नगर क्षेत्र में बर्फ गिरने के बाद लोगों ने अपने सगे संबंधियों को फोन कर इसकी सूचना दी। वहीं बर्फ गिरने की सूचना पर जनपद समेत अन्य क्षेत्रों से लोग बर्फ आनंद उठाने पहुंच गए। देवीधुरा धाम सहित एबट माउंट, छमनिया चौड़, खेतीखान, जिला मुख्यालय टी गार्डन, बालेश्वर, ङ्क्षहग्ला देवी, ललुवापानी में बर्फ के साथ फोटो खिंचवाने वालों का तांता लगा रहा। क्षेत्र के जानकार लोगों का कहना है कि क्षेत्र में साल के प्रारंभ में हुई इस बर्फबारी ने वर्ष 1995 का रिकार्ड तोड़ा है।
बागेश्वर में पिंडर व सरयू घाटी का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ रहा है। बागेश्वर जिले में पिंडर और सरयू घाटी समेत जिले के उच्च हिमालय से सटे गांव बर्फ से अट गए हैं। एक दर्जन से अधिक सड़कें आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। रास्ते, बिजली, पानी, संचार आदि व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है। लोग प्रकृति की मार से परेशान हैं और ठिठुर रहे हैं। जिले के उच्च हिमालय से सटे गांव लीती, विनायक, धूर, महरुड़ी, सिमगड़ी, धरमघर, कांडा, सौंग, मुनार, पतियासार, बदियाकोट, गिरेछीना, शामा, जांतोली, खाती, समडर, झूनी, खल्झूनी, कर्मी, रिखाड़ी, जैन-करास, कौसानी क्षेत्र आदि स्थानों पर हिमपात हुआ है। इससे गांवों की मूलभूत सुविधाएं पटरी से उतर गईं हैं। ठंड बढऩे से लोग परेशान हो गए हैं और अलाव आदि जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
अल्मोड़ा में भी बर्फ से लकदक हुए पहाड़ अल्मोड़ा में भी बीती रात हुई भारी बर्फबारी के कारण जिले के ऊंचाई वाले इलाके बर्फ की चादर से पूरी तरह लकदक हो गए है। बर्फबारी के कारण जिले के अनेक मार्गों पर जहां आवागमन बाधित हो गया है। वहीं प्रशासन ने इन मार्गों से बर्फ हटाने की मशक्कत शुरू कर दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दो तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बुधवार को दिन भर बारिश के बाद देर रात से ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी शुरू हो गई। जिले के जागेश्वर, वृद्ध जागेश्वर, शौकियाथल, आरतोला, मोतियापाथर, लमगड़ा, धौलादेवी, भैंसियाछाना, कसारदेवी आदि क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई। गुरुवार को सैलानियों ने जहां बर्फबारी का लुत्फ उठाया। वहीं बर्फबारी के कारण नेशनल हाइवे घाट-पनार, लमगड़ा-जैंती, पनुवानौला-वृद्ध जागेश्वर, आरतोला- जागेश्वर व सुआखान- चलनीछीना मोटर मार्ग आवागमन के लिए पूरी तरह बंद हो गए हैं। बर्फबारी के कारण बंद मार्गों को खोलने के लिए प्रशासन ने मशक्कत शुरू कर दी है। आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि बंद पड़े सभी मार्गों को खोलने के लिए वहां जेसीबी मशीन भेजी गई हैं।
कहां कितना रहा पारा हल्द्वानी 9.3 डिग्रीमुक्तेश्वर -2.0 डिग्रीनैनीताल 0.0 डिग्रीअल्मोड़ा 3.0 डिग्रीचम्पावत 0.0 डिग्रीपिथौरागढ़ 0.2 डिग्रीपंतनगर 9.5 डिग्रीबर्फबारी से बढ़ाईं दुश्वारियां, बिजली-पानी सप्लाई ठप, संचार सेवाएं धड़ाम बर्फबारी ने लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ा दी हैं। नैनीताल शहर में पिछले 24 घंटे से बिजली, पानी की सप्लाई ठप है। भीषण ठंड में लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। पानी की सप्लाई ठप होने से लोगों को बर्फ पिघलाकर जरूरत पूरी करनी पड़ी। इधर, संचार सेवा भी बुरी तरह प्रभावित है। पिथौरागढ में जगह-जगह लाइनें टूटने के साथ ही विद्युत पोल धराशायी हो गए हैं। बेरीनाग, गंगोलीहाट, धारचूला में बिजली गुल होने के साथ ही जिला मुख्यालय में भी कई इलाकों में बिजली बाधित रही। चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी लोगों को इन सुविधाओं से महरूम होना पड़ा।
आवासीय मकानों पर गिरे पेड़, बच्चा बाल-बाल बचा नैनीताल में स्नोव्यू में पूर्व सभासद दीपक कुमार भोलू के आवासीय मकान पर बांज का विशालकाय पेड़ गिर गया। इससे मकान की छत, दीवारें समेत घरेलू सामान नष्ट हो गए। गनीमत रही कि तब घर में कोई नहीं था। जबकि मल्लीताल में भी मकान पर वृक्ष गिर गया। मल्लीताल स्टेट बैंक के समीप पेड़ की विशालकाय टहनी गिरने से यातायात बाधित रहा। लडिय़ाकांटा क्षेत्र में, बिड़ला रोड, सीआरएसटी के समीप भी विशालकाय पेड़ गिरा। मल्लीताल में पेड़ गिरने से भाजपा कार्यकर्ता प्रमोद सुयाल के मकान की छत व दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि घर में सोया प्रमोद का बेटा अभिषेक बाल-बाल बच गया। इसके अलावा अन्य इलाकों में पेड़ व टहनियां गिरी हैं।
बर्फबारी से पिथौरागढ़ में तीन हजार हैंडपंप को मिलेगी संजीवनी पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में हुए अच्छे हिमपात से तीन हजार से अधिक हैंडपंप को संजीवनी मिलेगी। इन हैंडपंप में अप्रैल माह तक जल स्तर बना रहेगा। नगर क्षेत्र के अंतर्गत बने 18 हजार से भवनों में से तीन हजार में निजी हैंडपंप लगे हुए हैं, जिनका जल स्तर वर्षा जल पर निर्भर करता है। शीतकालीन वर्षा और हिमपात नहीं होने की स्थिति में ये हैंडपंप फरवरी माह में ही जवाब दे जाते हैं, जिससे पेयजल की समस्या खड़ी होने लगती है। बुधवार की रात हुए हिमपात से फिलहाल हैंडपंप के सूखने का खतरा टल गया है। भूगर्भ विज्ञानी धीरेंद्र जोशी के मुताबिक बर्फबारी होने के बाद पानी धीरे-धीरे रिसकर जमीन तक पहुंचता है और इससे भूमिगत जल स्तर लंबे समय तक बना रहता है। इस वर्ष गर्मी के सीजन में हैंडपंप सूखने की समस्या सामने नहीं आएगी।छह घंटे बंद रहा राष्ट्रीय राजमार्ग बर्फबारी व बारिश से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग आठ घंटे से अधिक वक्त तक बंद रहा। स्वाला और बेलखेत में आवाजाही रात्रि में बंद हो गई थी। दोपहर 12 बजे मलबा हटाने के बाद मार्ग खोला गया। वहीं धूनाघाट से रीठा साहिब मार्ग दुर्गानगर के पास बंद होने से आवाजाही ठप रही। देवीधुरा मार्ग पर हुई भारी बर्फबारी से मार्ग बंद होने के बाद पीडब्लूडी ने मशीन लगाकर बर्फ को हटाया। बारिश से सीमांत चम्पावत-मंच-तामली मोटर मार्ग भी सुबह 7.30 बजे से बंद रहा। लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंच मार्ग को खुलवाने का प्रयास कर रही है।...जब एसपी के वाहन पर गिरा पत्थर, बाल-बाल बचे चंपावत के एसपी लोकेश्वर सिंह को गुरुवार सुबह टनकपुर कोतवाली का निरीक्षण करना था। तो वह बुधवार शाम सात बजे टनकपुर की ओर अपने वाहन से जा रहे थे कि स्वाला पहुंचने पर उनके वाहन पर पहाड़ी से एक छोटा पत्थर उनके वाहन पर गिर गया। गनीमत रही कि बड़ा पत्थर नहीं था और पत्थर एसपी पर नहीं गिरा। हालांकि पत्थर गिरने से वाहन में आगे बैठे एसपी के गनर को चोट आई और वाहन भी आगे से क्षतिग्रस्त हो गया। घटना में एसपी सिंह बाल-बाल बच गए। वहीं चम्पाव के लोहाघाट में राजकीय महाविद्यालय मार्ग पर देवदार के पेड़ गिरने से मार्ग बंद रहा।यह भी पढ़ें : बर्फबारी से कुमाऊं का बुरा हाल, बिजली-पानी, यातायात सब प्रभावित यह भी पढ़ें : उत्तराखंड की हिमानी नदियाें पाई जाने वाली गोल्डन फिश महाशीर विलुप्ति के कगार पर
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