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Haldwani: पहले मां को अस्‍पताल ले गया, फ‍िर चिल्‍लाया- 'तेरी बीमारी से परेशान हूं' और उड़ेल दिया पेट्रोल

Haldwani News एक कलियुगी बेटे ने सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल (एसटीएच) की इमरजेंसी में भर्ती मां को जिंदा फूंकने का प्रयास किया। गनीमत रही डाक्टर नर्सों व तीमारदारों ने उसे पकड़ लिया।कोतवाल उमेश कुमार मलिक अस्पताल पहुंचे और आरोपित को हिरासत में लिया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्राथमिकी करने की तैयारी की जा रही है।

By Deep belwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 28 Jul 2024 09:26 AM (IST)
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Haldwani News: एसटीएच की इमरजेंसी में भर्ती मां पर बेटे ने पेट्रोल उड़ेला, जिंदा फूंकने का प्रयास
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Haldwani News: नैनीताल जिले के ग्राम गेठिया निवासी मोहन सिंह ने डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल (एसटीएच) की इमरजेंसी में भर्ती मां को जिंदा फूंकने का प्रयास किया। उसने मां पर पेट्रोल उड़ेल दिया और लाइटर जलाकर आग लगाने को दौड़ पड़ा।

गनीमत रही डाक्टर, नर्सों व तीमारदारों ने उसे पकड़ लिया। बेटा खुद ही शुक्रवार की रात मां को उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचा था। शनिवार की सुबह उसने दुस्साहस किया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

गीता देवी कुछ दिन से बीमार

पुलिस के अनुसार ग्राम गेठिया, नैनीताल निवासी 67 वर्षीय गीता देवी कुछ दिन से बीमार हैं। उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत थी। साथ ही वह आंख कम देखती हैं। शुक्रवार रात को ज्यादा तबीयत खराब होने पर उनका बेटा मोहन सिंह एसटीएच लेकर पहुंचा और इमरजेंसी में भर्ती करवा दिया।

शनिवार की सुबह मोहन मां से बाजार जाने की बात कहकर निकला। पूर्वाह्न 11 बजे लौटा तो उसके हाथ में आधा लीटर वाली कोल्ड्र ड्रिंक की बोतल थी। जिसमें पेट्रोल भरा हुआ था। जोर से चिल्लाते हुए उसने मां के ऊपर पेट्रोल की पूरी बोतल उड़ेल दी और लाइटर जलाते हुए आग लगाने को दौड़ा। इसी बीच अस्पताल में आई तीमारदार व मोहन की बुआ धना देवी ने शोरशराबा कर दिया।

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नर्सों, डाक्टर व तीमरदारों ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद कमरे में बंद कर पुलिस को सूचना दी। कोतवाल उमेश कुमार मलिक अस्पताल पहुंचे और आरोपित को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ की गई। उसके विरुद्ध प्राथमिकी करने की तैयारी की जा रही है।

चीख चीखकर बोला, तेरी बीमारी से हूं परेशान

माता-पिता बच्चों के लिए क्या कुछ नहीं करते। मां पहले गर्भ में पालती है। इसके बाद जब तक जीवित रहती बच्चों को लाड प्यार देती है। मगर मोहन सिंह की मां बीमार हुई तो वह परेशान होने लगा। उसे मां की बीमारी पर तरस नहीं आया। शनिवार को उसने जब मां को जिंदा फूंकने का प्रयास किया तो बोला, कि मैं तेरी बीमारी से परेशान हो चुका हूं।

इकलौता बेटा है मोहन, पति की हो गई मृत्यु

गीता देवी के पति की कुछ सालों पहले मृत्यु हो चुकी है। मोहन उनका इकलौता बेटा है। जो गेठिया गांव में रहकर मजदूरी करता है। गीता की ननद धना देवी ने बताया कि चार दिन पूर्व गीता को बीडी पांडे में आंख के उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। डाक्टर ने शुगर अधिक होने पर आंख का आपरेशन करने से मना कर दिया था।

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आग लगती तो इमरजेंसी व पूरा अस्पताल होता स्वाहा

इमरजेंसी के अंदर मां पर पेट्रोल उड़ेल कर मोहन सिंह ने कई मरीजों व तीमारदारों की जान को खतरे में डाला। इमरजेंसी में आग लगती तो बड़ी दुर्घटना होती। क्योंकि कई उपकरण रखे हुए थे। मरीज, तीमारदार व नर्सों से इमरजेंसी पैक थी।

अस्पताल की इमरजेंसी में मां के ऊपर पेट्रोल उड़ेलने वाले को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। युवक ने मां ही नहीं कई लोगों की जान को खतरे में डालने का प्रयास किया। उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी

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