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Sourav Joshi : घरों में पेंट कर खर्च चलाते थे पिता, बेटे ने बनाया करोड़पति, अब थार-फार्च्यूनर में करते हैं सफर

Youtuber Sourav Joshi उत्‍तराखंड के यूट्यूबर सौरभ जोशी आज किसी पहचान के मौहताज नहीं हैं। सौरभ ने 12वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान यूट्यूब पर अपना चैनल बनाया था। यूट्यूब पर सौरभ जोशी के 18.8 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। 1100 से अधिक वीडियो अपलोड कर चुके हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Wed, 14 Dec 2022 10:57 AM (IST)
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Youtuber Sourav Joshi : उत्‍तराखंड के यूट्यूबर सौरभ जोशी किसी पहचान के मौहताज नहीं।
टीम जागरण, देहरादून : Youtuber Sourav Joshi : उत्‍तराखंड के यूट्यूबर सौरभ जोशी आज किसी पहचान के मौहताज नहीं हैं।

आज वह भारत के फेमस यूट्यूबर हैं, लेकिन उनका जीवन भी संघर्षों भरा रहा है। वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ हल्‍द्वानी में रहते हैं।

यूट्यूब पर सौरभ जोशी के 18.8 मिलियन सब्सक्राइबर

  • टोटाशिलिंग, कौसानी (अल्मोड़ा) व हाल हल्द्वानी के रामपुर रोड निवासी सौरभ भारत के व्लाग‍िंग यूट्यूबरों में बड़ी जगह बना चुके हैं।
  • यूट्यूब पर सौरभ जोशी के 18.8 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।
  • 1100 से अधिक वीडियो अपलोड कर चुके हैं।
  • 19 फरवरी 2019 से चैनल की शुरुआत की।
  • वीडियो अपलोड होते ही उनके लाखों व्यूज आ जाते हैं।

12वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान यूट्यूब पर चैनल बनाया

  • सौरभ ने 12वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान यूट्यूब पर अपना चैनल बनाया था।
  • कोरोना संक्रमण की पहली लहर में लाकडाउन लग गया था।
  • तभी उन्होंने अपने नाम से एक व्लाग बनाया।
  • इस व्‍लाग पर उन्‍होंने सबसे पहले टीम इंडिया पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का वीडियो अपलोड किया।
  • इस वीडियो को काफी देखा गया और व्लाग को हजारों लाइक मिले।
  • तब सौरभ हरियाणा में रहते थे।
  • उस वक्‍त सौरभ के छह मिलियन सब्सक्राइबर हो गए थे।
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  • इन वीडियो पर व्यूज के हिसाब से यूट्यूब उन्हें रुपये देता है।
  • सौरभ व उनके भाई साहिल की प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा हिसार हरियाणा में हुई है।
  • जुलाई 2021 में सौरभ ने हल्द्वानी में फ्लैट लिया और वह परिवार सहित यहां आ गए।

घरों में पेंट कर किसी तरह गुजर-बसर करते थे पिता

सौरभ के पिता कुछ साल पहले तक दूसरों के घरों में पेंट कर घर का खर्च चलाते थे। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। वह लोगों के घरों में जाकर पेंट, पुट्टी व पीओपी करते थे। उन्‍हें दिहाड़ी के तौर पर दो-चार सौ रुपये मिलते थे। आज बेटे के हुनर के चलते वह थार, फार्च्यूनर और इनोवा में सफर कर रहे हैं।

पहाड़ी व्यंजनों को देश और दुनिया तक पहुंचाया

सौरभ जोशी ने अपने व्लाग के जरिये पहाड़ी व्यंजनों और उत्‍तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को देश और दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। वह अपने व्‍लाग में भट्ट की चुरकाणी और डुबके सहित कई पहाड़ी व्‍यंजन दिखाते हैं।

थार, फार्चूनर, इनोवा कार से घूमने का शौक

सौरभ जोशी के पास फार्च्यूनर, थार सहित अन्‍य वाहन भी हैं। वह अपने भाई साहिल, चचेरे भाई पीयूष व कुनाली के साथ मिलकर व्लाग बनाते हैं।

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