Post Office Special Facility हल्द्वानी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कई उत्पादों की मांग विदेशों तक होती है। पहले ग्राहक को अपना पंजीकरण इंडिया पोस्ट की वेबसाइट से आनलाइन कराना होगा। डाकघर से वह अब अपने उत्पाद विदेश भेज सकेंगी। डाक निर्यात केंद्र से कम समय में पार्सल पहुंचेगा। पार्सल का इंश्योरेंस भी ऑनलाइन करा सकेंगे। जानिए पूरी प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Post Office Special Facility: अपने उत्पादों को विदेश भेजने के लिए डाकघर ग्राहकों को स्पेशल सुविधा दे रहा है। डाकघर में बने डाक निर्यात केंद्र के काउंटर से पार्सल भेज सकेंगे, जो सीधे हल्द्वानी से दिल्ली पहुंचकर विदेश डाकघर एक्सपोर्ट से पार्सल को संबंधित पते पर भेज देगा।
हल्द्वानी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कई उत्पादों की मांग विदेशों तक होती है। ऐसे में विदेश में पार्सल भेजने में महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनकी दिक्कतों को देखते हुए डाकघर में डाक निर्यात केंद्र खोल दिया गया है।
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इंडिया पोस्ट की वेबसाइट से कराना होगा पंजीकरण
सहायक डाक अधीक्षक प्रकाश चंद्र पांडे ने बताया कि अपने उत्पादों को विदेश में भेजने के लिए पहले ग्राहक को अपना पंजीकरण इंडिया पोस्ट की वेबसाइट से आनलाइन कराना होगा, जिसके बाद अपने उत्पाद में जीएसटी नंबर, आधार कार्ड की कापी, सहित पंजीकरण के दौरान मिलने वाली स्लिप को पैक्ड पार्सल के ऊपर चिपकाना होगा।
अगर पार्सल भारी भरकम होगा तो उत्पाद को घर से डाकघर तक पहुंचाने के लिए वाहन की सुविधा भी दी जाएगी। हालांकि, इस सुविधा के लिए निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। पार्सल की बीमा कराने की सुविधा भी मिलेगी। ग्राहकों को आनलाइन ही रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट व बीमा कराने की भी सुविधा मिलेगी।
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पार्सल कस्टम विभाग डिपार्टमेंट में पहुंचने के बाद फिर आनलाइन ही सत्यापन होगा। कस्टम विभाग को अगर कोई सवाल ग्राहक से करने होंगे तो वह उसका जवाब आनलाइन ही दे सकेगा।
चेक बाउंस मामले में आरोपित को छह माह की जेल
काशीपुर में चेक बाउंस के एक केस में अदालत ने आरोपित को छह माह के कारावास और 29.50 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। आस्था बीज कम्पनी काशीपुर के डायरेक्टर संदीप गोयल ने अपने अधिवक्ता शुभम सिंघल के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया था कि रम्भा देवी पत्नी मुन्ना सिंह कुशवाह, निवासी गाजीपुर ने अपनी कंपनी के लिए 28,30,000 रुपये का माल उधार लिया था।
भुगतान मांगने पर उसने एक चेक दे दिया। जो खाते में लगाने पर बाउंस हो गया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपित को नोटिस दिया। परिवाद पर सुनवाई कर अदालत ने आरोपित को कोर्ट में तलब किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित को एनआइ एक्ट में दोषी पाया। एसीजे द्वितीय चेतन सिंह गौतम की अदालत ने आरोपित को सजा सुनाई।
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