मोबाइल एप दांव लगा रहे सटोरिये, मोबाइल एप से हर मैच में लग रहा करोड़ों का सट्टा
संचार क्रांति के युग में सटोरिए भी हाईटेक हो गए हैं। अब फोन कॉल व पर्ची सिस्टम छोड़कर ऑनलाइन सट्टा लगाया जा रहा है। आइपीएल के हर मैच में शहर से करोड़ों का सट्टा लग रहा है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 29 Mar 2019 12:33 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : संचार क्रांति के युग में सटोरिए भी हाईटेक हो गए हैं। अब फोन कॉल व पर्ची सिस्टम छोड़कर ऑनलाइन सट्टा लगाया जा रहा है। आइपीएल के हर मैच में शहर से करोड़ों का सट्टा लग रहा है। मोबाइल एप के जरिये मुंबई व दिल्ली में बैठे बुकी स्थानीय सटोरियों से सट्टा लगवा रहे हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) शुरू होते ही हर वर्ग में क्रिकेट की दीवानगी छाने लगी है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह भले ही मनोरंजन का साधन हो, लेकिन सट्टेबाजों के लिए कमाई का विशेष मौका है। हर मैच में जीत-हार के साथ ही बाल, ओवर, खिलाड़ी के विकेट या रन, चौके-छक्के के हिसाब से अलग-अलग सट्टा लग रहा है। मैच में क्या भाव लग रहा है, इसके लिए मोबाइल पर ऑनलाइन बिटिंग एप भी आ गए हैं। इस एप में हर बाल के हिसाब से सट्टे का भाव अपडेट हो रहा है। जैसे-जैसे मैचों में रोमांच बढ़ता जा रहा है, ऑनलाइन एप की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हर एप सबसे पहले अपडेट देने का दावा सटोरियों से कर रहा है।बुकी के पास खुलवाना पड़ता है अकाउंट
दिल्ली-मुंबई में बैठे सट्टे के आकाओं ने हर शहर में अपने बुकी बनाए हैं। सट्टा खेलने वालों को बुकी के पास अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके लिए किसी ऐसे व्यक्ति को गारंटी देनी होती है, जो पहले से सट्टा खेलता हो। बुकी के पास एकमुश्त रकम जमा कराई जाती है। बुकी सट्टा खिलवाने के लिए अलग फोन नंबर रखते हैं और केवल वही नंबर से आई कॉल रिसीव की जाती है, जिसका नंबर उस फोन में सेव होता है। खिलाड़ी फोन कर या वाट्सएप पर बाजार भाव के हिसाब से मैसेज कर सट्टा लगाता है।मैच में होते हैं कई कोड
सट्टा बाजार में मैच के लिए कई कोड बनाए गए हैं। मैच में पूरी पारी को एक ईनिंग कहा जाता है। जबकि सट्टा बाजार में इसे सेशन कहते हैं। पहला सेशन एक से छह ओवर तक, दूसरा 6.1 से 10 ओवर तक, तीसरा 10.1 से 15 ओवर तक होता है। 15.1 से 20 ओवर तक के सेशन को बी पारी कहा जाता है। जबकि दूसरी पारी में केवल एक ही सेशन मिलता है।बुकियों ने दूसरे शहरों में बनाए ठिकाने
सट्टा किंग से जुड़े बुकी भी पुलिस से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। आइपीएल शुरू होते ही बुकी ने दूसरे शहरों में ठिकाने बना लिए हैं। वह अपने गुर्गों के माध्यम से यहां के खिलाडिय़ों से एक-मुश्त रुपये जमा करा लेते हैं। इसके बाद दूसरे शहर में बैठक फोन व मैसेज के हिसाब से सट्टा लगाते रहते हैं। सट्टे में जीत की रकम बुकी के गुर्गे ही खिलाड़ी तक पहुंचाते हैं।सटोरियों की सुरागकसी कर रहीं पुलिस टीमें
सुशीला कुमार मीणा, एसएसपी, नैनीताल ने बताया कि आइपीएल शुरू होते ही सटोरियों के सक्रिय होने की आशंका है। पुलिस की टीमें बुकी की सुरागरसी कर रही हैं। संदिग्ध खिलाडिय़ों पर भी नजर रखी जा रही है। सटीक जानकारी मिलते ही सटोरियों व खिलाडिय़ों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।यह भी पढ़ें : दो अप्रैल से रविवार को भी चलेगी दून-नैनी एक्सप्रेस, सप्ताह में छह दिन होगा ट्रेन का संचालन
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