पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया मामले में राज्य सरकार ने कहा, अध्यादेश लाने का है अधिकार
हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:25 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई आज यानी मंगलवार को भी जारी रहेगी। पिछली सुनवाई में पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रार्थना पत्र देकर खुद को पक्षकार से हटाने का आग्रह किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। जबकि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर किया गया है। इस बारे में सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि उसे अध्यादेश लाने का अधिकार है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों का बकाया माफ कर दिया था। इसमें पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, भुवन चंद्र खंडूरी शामिल हैं। राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पीएन मिश्रा ने कहा कि सरकार को अध्यादेश लाने का अधिकार है और सरकार ने अधिकार से बाहर जाकर काम नहीं किया है।
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