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उत्‍तराखंड में सीएए के समर्थन अभियान में जुटे प्रदेश के सांसद व मंत्री, चम्‍पावत में टम्‍टा तो काशीपुर में हरक ने की वार्ता

सीएए को लेकर हुए विरोध के बाद भाजपा पूरी तरह मुस्तैद हो गई है। पीएम मोदी के आह़वान के बाद अब हर राज्य में भाजपा नेता इसके समर्थन में लोगों को समझा रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 04 Jan 2020 07:45 PM (IST)
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उत्‍तराखंड में सीएए के समर्थन अभियान में जुटे प्रदेश के सांसद व मंत्री, चम्‍पावत में टम्‍टा तो काशीपुर में हरक ने की वार्ता
चम्पावत/ऊधमसिंह नगर, जेएनएन : सीएए को लेकर हुए विरोध के बाद भाजपा पूरी तरह मुस्तैद हो गई है। पीएम मोदी के आह़वान के बाद अब हर राज्य में भाजपा नेता इसके समर्थन में लोगों को समझा रहे हैं। कल अल्‍मोड़ा ने सीएम रावत ने कांग्रेस पर हमला बोला था। वहीं आज चम्पावत में सांसद अजय टम्टा ने तो ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में वन एवं श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसके समर्थन में सभा कर लोगों को कानून को लेकर भ्रम को दूर किया।

कांग्रेस के बहकावे में न आएं लोग

चम्पावत : शनिवार को लोनिवि विश्राम गृह टनकपुर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही बल्कि शरणार्थियों को नागरिकता दी जा रही है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिल पारित करने से पूर्व संसद में काफी कुछ बता चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस विधेयक का वही राजनैतिक दल विरोध कर रहे हैं जो लंबे समय से धर्म निरपेक्षता के नाम पर वर्ग विशेष के मतों की राजनीति करते आए हंै। उनके विरोध का मूल आधार ही तुच्छ राजनीति है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में प्रताडऩा के शिकार हुए अल्प संख्यकों को शरण देने का कार्य किया गया है। सभी जानते है कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है। हिन्दुओं, सिखों, ईसाईयों जैन, बौद्ध व पारसी धर्म की स्थिति खराब होती चली जा रही है। कहा स्वतंत्रता  के समय जहां अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत थी, आज इनकी संख्या 2.5 प्रतिशत से भी कम रह गई है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश उन्नति कर रहा है जो विपक्षी दलों को नहीं पच रहा है।

अल्पसंख्यकों को अधिकार दिलाएगा सीएए

काशीपुर : वन एवं श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान के प्रेक्षागृह में पत्रकार वार्ता कर कहा कि 1947 में देश आजादी के बाद प्रार्थना सभा में महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से प्रताडि़त होकर यदि ङ्क्षहदू, अल्पसंख्यक और सिख समुदाय के लोग भारत आते हैं तो भारत उनका स्वागत करेगा। उनको नौकरी, नागरिकता और सम्मान देगा। आजादी के बाद से इन देशों में अल्पसंख्यक लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका अनुसरण करने वाली पाॢटयां इस विधेयक के बारे में दुष्प्रचार कर रही हैं। नागरिकता कानून 1955 की धारा पांच में नागरिक श्रजन का प्रावधान था। 31 दिसंबर 1914 से पहले जो लोग इन देशों से भारत आए हैं। उनके लिए नागरिकता 11 साल रहने के बाद मिलती थी। जिसे संसोधित कर सरकार ने पांच साल कर लोगों को नागरिकता देने का काम किया है। सीएए में कहीं भी भारत के संविधान में उल्लेखित समानता के अधिकार की भावनाओं को आहत करने कोई भी नियम इस विधेयक में नहीं है। संविधान की मूल भावना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

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