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नैनीताल मानसून माउंटेन मैराथन के विजेता कीनिया के स्टीफन प्रतिदिन दौड़ते है 30 किमी

पेशे से ऑनलाइन कारोबारी स्टीफन मैराथन आयोजन की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि नैनीताल का ट्रैक बेहद उतार चढ़ाव वाला है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 26 Aug 2019 10:09 AM (IST)
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नैनीताल मानसून माउंटेन मैराथन के विजेता कीनिया के स्टीफन प्रतिदिन दौड़ते है 30 किमी
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल मानसून माउंटेन मैराथन के विजेता कीनिया के स्टीफन रोज 30 किमी दौड़ते हैं। पेशे से ऑनलाइन कारोबारी स्टीफन मैराथन आयोजन की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि नैनीताल का ट्रैक बेहद उतार चढ़ाव वाला है। उन्होंने यहां के मौसम को भी मानसून मैराथन के लिए बेहद अनुकूल बताया। कहा कि वह हर साल इसमें प्रतिभाग करने आएंगे। स्टीफन पिछली बार भी आए थे मगर चूक गए थे। इंटरनेशनल मैराथन में जीत दर्ज करना उनका लक्ष्य है। 

रोज 18 किमी प्रेक्टिस करती है अर्पिता

मुजफ्फरनगर के रूहाना खुर्द निवासी अर्पिता सैनी श्रीराम कॉलेज से मास्टर ऑफ फिजीकल एजुकेशन कर रही है। अर्पिता के पापा अनिल सैनी का दुग्ध व्यवसाय है। जबकि मां कुसुम गृहणी। बड़ी बहन रीतू उत्तर प्रदेश पुलिस में गाजियाबाद में तैनात हैं। जबकि भाई आर्य है। अर्पिता ने 19 अगस्त को माउंट आबू राजस्थान में आयोजित 21 किमी मैराथन में जीत दर्ज की। जबकि चार अगस्त को बनबसा में आयोजित मैराथन व 25 जून को शिमला में आयोजित मैराथन में जीत दर्ज की। नैनीताल मैराथन में दो बार हिस्सा ले चुकी है। पिछली बार दूसरे स्थान पर रही थी। अर्पिता का कहना है कि 20 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले इंटरनेशनल मैराथन के लिए तैयारी कर रही है। उसके कोच कपिलदेव बताते हैं कि अर्पिता रोज 18 किमी दौड़ लगाती है। 

ओलंपिक में मेडल है सपना

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में नगवां गांव निवासी अनिल कुमार यादव केआरसी रानीखेत में तैनात हैं। वह 2017 में भर्ती हुए थे। नौ बार नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड जीत चुके अनिल 2016 में एशियन क्रास कंट्री में हिस्सा ले चुके हैं। अब 2020 के जापान ओलंपिक में पदक के लिए वह खूब मेहनत कर रहे हैं। 

आर्मी गेम्स में पदक के लिए बहा रहे पसीना

मूलरूप से चमोली जिले के पोखरी निवासी पूरन सिंह व सरोजनी देवी के सबसे बड़े बेटे व मैराथन में तीसरे स्थान पर रहे विपिन गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर लैंसडाउन में तैनात हैं। 2013 में सिविल मैराथन में हिस्सा लिया था। विपिन का लक्ष्य अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले आर्मी गेम्स में जीत हासिल करना है। इसके लिए वह खूब प्रेक्टिस कर रहे हैं। 

मन की आंखों से दौड़े नैब के बच्चे

नैनीताल मैराथन में पहली बार गौलापार स्थित दृष्टिïबाधित संस्थान के करीब एक दर्जन बच्चे नैब महासचिव श्याम सिंह धानिक व काउंसलर पूजा नौला के साथ पहुंचे थे। कविता, भूपाल, चांदनी व लक्ष्मण आदि बच्चों ने देशभक्तिपूर्ण व प्रेरणाप्रद गीत गाए। साथ ही मन की आंखों से बैंड स्टैंड से रिक्शा स्टैंड तक दौड़ भी लगाई। सैकड़ों दर्शकों ने तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की। 

दुग्धसंघ ने बांटा दही

लालकुआं दुग्धसंघ की ओर से मैराथन के धावकों को दही प्रदान किया गया। इस दौरान एमडी प्रकाश चंद्र, विपणन प्रभारी संजय भाकुनी, प्रभारी पर्वतीय क्षेत्र विपिन तिवारी आदि थे। 

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