कुत्तों के झुंड से बचकर तीन माह तक एसटीएच की नर्सों के हाथ में पली कृति का होगा अब नया पता
अल्मोड़ा में कुत्तों के बीच घिरी लावारिस नवजात को तीन महीने तक एसटीएच की नर्सों ने पालापोसा है। अब जल्द ही उसे अल्मोड़ा सदन भेज दिया जाएगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 11 Feb 2020 09:36 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : जिसे पैदा होते ही अपनों ने पराया कर सड़क किनारे लावारिस छोड़ दिया था, अब उसके हल्का सा रोने पर ही लोग दौड़े चले आते हैं। एसटीएच की चार नर्सों ने कृति को मां का आंचल देने के साथ ही लाड़-प्यार दिया है। शरीर के साथ दिल के जख्म भी इस प्यार ने यूं भरे कि पता ही नहीं चला कि कब वह तीन महीने की हो गई। अब वह गोद में खेलती है, हंसती है और इशारे भी करती है। जल्द ही कृति का नया पता अल्मोड़ा शिशु सदन होगा। अस्पताल प्रशासन ने इस बाबत प्रशासन को चिठ्ठी भेज दी है। संभावना है कि दो-तीन दिन में एसटीएच से उसकी रवानगी हो जाएगी।
20 नवंबर को कुत्तों के झुंड से घिरी थी नवजात20 नवंबर को अल्मोड़ा में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई थी। रात के वक्त सड़क किनारे फेंकी गई नवजात कुत्तों के झुंड से घिरी हुई थी। खून से लतपथ इस नवजात को अवारा कुत्ते नोच रहे थे। इस बीच बाइक सवार एक युवक की नजर इस पर पड़ी तो उसने आवाज लगाकर लोगों को मौके पर बुला लिया। कुत्तों को भगाने के बाद किसी ने उसे अपनी जैकेट पहनाई और तुरंत धारानौला पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद चौकी के सिपाही बच्ची को लेकर अल्मोड़ा बेस अस्पताल पहुंचे। वहां बच्ची की हालत में कुछ सुधार आने लगा था। हालांकि स्थिति अब भी नाजुक थी, इसलिए डॉक्टरों ने उसे बेहतर उपचार के लिए एसटीएच भिजवा दिया, जिसके बाद एसटीएच के डॉक्टर व नर्सें गंभीरता से उसके उपचार में जुट गईं। हालत ठीक होने पर डॉक्टर व नर्सों ने मासूम को कृति नाम से पुकारना शुरू किया। बेनाम और बेजुबान की पहचान अब यही है।
स्वस्थ है कृति, अब पांच किलो है वजनएसएनसीयू वार्ड में भर्ती कृति अब स्वस्थ है। पांच किलो की कृति के शरीर पर अब कोई जख्म नहीं है। बीच में एनीमिक होने यानी खून की कमी की शिकायत आई थी, पर उपचार के बाद यह दिक्कत भी दूर हो गई है। डॉ.गुरप्रीत सिंह ने बताया कि एसएनसीयू की पूरी टीम मेहनत में जुटी रही। अस्पताल प्रबंधन का पूरा सपोर्ट मिला।
कविता, रिचा, अनीता और कमला की कृति
वैसे तो एसटीएच का हर स्टाफ कृति के वार्ड में पहुंचने पर उसका हाल-चाल पूछता है लेकिन स्टाफ नर्स कविता, रिचा, अनीता और कमला ने उसे मां की कमी महसूस नहीं होने दी। चारों उसका भरपूर ध्यान रखती हैं। इस बीच तमाम लोग बच्ची को गोद लेने पहुंचे, लेकिन बच्ची को अल्मोड़ा शिशु निकेतन से ही गोद लिया जा सकेगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एमएस एसटीएच डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि कृति स्वस्थ है। अब उसे निर्धारित जगह पर भेजा जाएगा। प्रशासन से इस बाबत पत्राचार भी किया गया है। नैनीताल से पहुंची नवजात का भी उपचार चल रहा है। डॉक्टर व नर्सों की टीम पूरी नजर बनाए हुए है।
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