प्रेशर डाउन होने के बाद उल्टी दौड़ रही जनशताब्दी को रोकने के लिए ट्रैक पर बिछाए गए पत्थर
प्रेशर डाउन होने के बाद उल्टी दौड़ रही जनशताब्दी ट्रेन को रोकने के लिए ट्रैक पर पत्थर बिछाए गए थे। ढलान होने की वजह से ट्रेन इतनी स्पीड पकड़ चुकी थी कि नौवीं क्रांसिंग पर जाकर ट्रेन के पहिए थमे।
खटीमा, संवाद सहयोगी : प्रेशर डाउन होने के बाद उल्टी दौड़ रही जनशताब्दी ट्रेन को रोकने के लिए ट्रैक पर पत्थर बिछाए गए थे। ढलान होने की वजह से ट्रेन इतनी स्पीड पकड़ चुकी थी कि नौवीं क्रांसिंग पर जाकर ट्रेन के पहिए थमे। रेलवे ने बड़ा हादसा टलने के बाद सहमे यात्रियों को बस उपलब्ध कराकर गंतव्य के लिए रवाना किया।
मां पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस का टनकपुर होम सिंग्नल के पास फाटक संख्या 44 सी पर एअर प्रेशर वैक्यूम पाइप फट गया। पाइप के फटते ही इंजन के ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया। जिस पर ट्रेन उल्टा खटीमा की ओर दौड़ पड़ी। तब इसकी स्पीड करीब 50-60 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। ट्रेन सवार यात्रियों की सांसें अटक गई। वहीं लोको पायलट मुबारक अंसारी एवं जितेंद्र कुमार ने कंट्रोल रूम इज्जतनगर को तुरंत इसकी दे दी। इस पर रेलवे में हड़कंप मच गया।
टनकपुर से खटीमा तक सभी स्टेशन एवं कार्मिकों को अलर्ट कर दिया गया। साथ ही आर्मी कैंट, फागपुर, बनबसा, पच्चपोखरिया, चकरपुर, पचौरिया, नदन्ना समेत नौ रेलवे फाटकों पर रेलवे ट्रेक पर पत्थर बिछाने के साथ सड़क मार्ग के वाहनों का प्रवेश रोकने के लिए फाटक बंद करा दिए गए। नदन्ना पुल के फाटक संख्या 35 पर ट्रेन पत्थर व मिट्टी डाले जाने से रुकी तो सबने राहत की सांस ली।
रेलवे ने किराया देकर यात्रियों को दो बसों से भेजा
नदन्ना पुल के पास ट्रेन के रुकने के बाद रेलवे द्वारा ट्रेन में सवार यात्रियों को टनकपुर के लिए दो बसों में बैठाकर रवाना किया गया। किराया रेलवे विभाग ने स्वयं वहन किया। हालांकि किराए को लेकर यात्रियों की ट्रेन के टीटी से नोक-झोंक भी हुई।
जंजीरों व पत्थरों से रोका बोगियों को
जैसे ही इंजन व बोगियां नदन्ना फाटक पर रुकीं। इसके तुरंत बाद फाटक पर तैनात कर्मियों विकास चौरसिया, सागर सहगल, श्रीजिंद ने बोगियों व इंजन के पहियों के आगे बड़े-बड़े पत्थरों को लगा दिया। साथ ही पहियों को जंजीरों से बांध दिया।
मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारी
एक्सप्रेस ट्रेन के उल्टा दौडऩे की सूचना पर रेलवे के सहायक मंडल अभियंता जयकरन, सीनियर सेक्सन इंजीनियर महेंद्र कुमार, पीलीभीत के स्टेशन अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार, खटीमा स्टेशन अधीक्षक केडी कापड़ी, आरपीएफ के इंस्पेक्टर आरके सिंह, एएसआई सुनील मिश्रा समेत अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंच गए।
पीलीभीत से इंजन बुलाकर बोगियों को लाया गया खटीमा
एक्सप्रेस के रुकने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने पीलीभीत से दूसरा इंजन मंगवाया। जो नदन्ना नहर पर रुकी बोगियों व इंजन को खींचकर खटीमा स्टेशन लेकर पहुंचा।
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