बदरी-केदारनाथ में हेली सेवा के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक हटी, याचिका खारिज
हाई कोर्ट ने चारधाम बद्रीनाथ-केदारनाथ में हेली सेवा के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाते हुए टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 May 2019 09:51 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन। हाई कोर्ट ने चारधाम बद्रीनाथ-केदारनाथ में हेली सेवा के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाते हुए टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है।
न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार, युकाडॉ और हेली कम्पनियों द्वारा अपना अपना पक्ष रखते हुए कहा गया है कि याचिकाकर्ता को कोर्ट में याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने इस टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग नहीं किया है। सरकार द्वारा जो नए चार हेलीपैड बनाए जाने की संस्तुति दी है उसका मुख्य कारण ऑल वेदर रोड बनाये जाने का है। बताया कि 14 हेलीपैड ऑल वेदर रोड के मार्ग पर स्थित है। रोड के निर्माण होने के कारण इन हेलीपैडों से हवाई सेवा प्रभावित हो सकती है, इसलिए सरकार ने चार नए हेलीपैड बनाने की मंजूरी दी है। सरकार ने नॉन सेड्यूल ऑपरेटर परमिट होल्डर धारकों के लिए निविदा आंमत्रित की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में संशोधित शासनादेश को चुनौती नहीं दी है। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार, युकाडा और हेली कम्पनियों के तर्को से सहमत होकर टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक हटाते हुए याचिकबकर्ता की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारीज कर दी है।
न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार, युकाडॉ और हेली कम्पनियों द्वारा अपना अपना पक्ष रखते हुए कहा गया है कि याचिकाकर्ता को कोर्ट में याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने इस टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग नहीं किया है। सरकार द्वारा जो नए चार हेलीपैड बनाए जाने की संस्तुति दी है उसका मुख्य कारण ऑल वेदर रोड बनाये जाने का है। बताया कि 14 हेलीपैड ऑल वेदर रोड के मार्ग पर स्थित है। रोड के निर्माण होने के कारण इन हेलीपैडों से हवाई सेवा प्रभावित हो सकती है, इसलिए सरकार ने चार नए हेलीपैड बनाने की मंजूरी दी है। सरकार ने नॉन सेड्यूल ऑपरेटर परमिट होल्डर धारकों के लिए निविदा आंमत्रित की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में संशोधित शासनादेश को चुनौती नहीं दी है। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार, युकाडा और हेली कम्पनियों के तर्को से सहमत होकर टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक हटाते हुए याचिकबकर्ता की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारीज कर दी है।
क्या कहा था आरडी ग्रुप कम्पनी ने याचिका में
देहरादून की आरडी ग्रुप कम्पनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 2015 के आपदा के बाद बद्रीनाथ व केदारनाथ में यातायात व्यवस्था को सुचारु करने के लिए 14 हेली कम्पनियों को हेलीपैड बनाने की अनुमति दी थी। इन कम्पनियों द्वारा 14 हेलीपैड बनाए गए। चार हेलीपैड सरकार द्वारा भी बनाए गए। सरकार ने 2016 में एक साशनादेश जारी कर मंदाकिनी वैली में एक बार में छः से अधिक हेलीकाप्टर सुरक्षा की दृष्टि से उड़ान नहीं भरने का जारी किया था। भविष्य में भी कोई नए हेलीपैड निर्माण की अनुमति नही दी जायेगी, का भी शासनादेश जारी किया था। अभी यहां 18 हेलीपैड पहले से ही बने है, परन्तु इन 14 कम्पनियों के अलावा चार अन्य सरकारी हेली पैड निर्मित है। सरकार ने अन्य चार हेलीपैड मन्दाकिनी वैली में बनाने के आदेश निजी कम्पनियों को दे दिए हैं। जिसकी शिकायत जिला अधिकारी ने सरकार से की परन्तु सरकार ने इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की और पांच फरवरी 2019 को सरकार ने बद्री केदार में हेली सेवा शुचारु करने के लिए इन 14 हेली कम्पनियो से टेंडर प्रक्रिया आमन्त्रित की परन्तु सचिव उड्डयन ने इस निविदा को 16 फरवरी 2019 में संशोधित कर उन चार कम्पनियो को भी बैक डोर से निविदा में शामिल कर दिया जिन्होंने आदेश के बाद वहां अवैध रूप से हेलीपैड बना दिए थे। इस टेंडर प्रक्रिया को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनोती दी है।
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