किसी के पिता लगाते हैं ठेला, तो कोई करता है मजदूरी, पढ़ें बोर्ड के टॉपरों की कहानी
उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट घोषित होने के साथ ही एक यह बार बात साबित हो गई कि प्रतिभाएं किसी बात की मोहताज नहीं होतीं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 31 May 2019 09:59 AM (IST)
जेएनएन, हल्द्वानी : उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट घोषित होने के साथ ही एक यह बार बात साबित हो गई कि प्रतिभाएं किसी बात की मोहताज नहीं होतीं। परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों वो अपना मुकाम ढूंढ ही लेती हैं। चलिए आपको को कुछ ऐसी ही प्रतिभाओं से रूबरू करातें हैं, जो हर किसी को आशाओं उम्मीदों से भर देती हैं।
दादी की पेंशन से की पढ़ाई कर हासिल की सफलता
हल्द्वानी : दादी की पेंशन से स्कूल की फीस भरने वाले पोते ने जब 90.4 प्रतिशत अंक हासिल कर हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में सफलता प्राप्त की तो दादी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिणाम सुनते ही पोते को गले से लगा लिया और मुंह मीठा कराकर इंटरमीडिएट में भी इसी तरह सफलता प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया। मूल रूप से पिथौरागढ़ के बेरीनाग पुराना थल निवासी निखिल टम्टा मां मंजू टम्टा व दादी तुलसी देवी के साथ जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में रहते हैं। बाल संसार इंटर कॉलेज काठगोदाम के छात्र निखिल टम्टा के बड़े भाई मनीष टम्टा ने भी वर्ष 2018 में इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में 92.2 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। निखिल के पिता कुंदन टम्टा का वर्ष 2004 में निधन हो गया था। परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बच्चों की अच्छी पढ़ाई की खातिर वर्ष 2016 में दमुवाढूंगा में किराए के मकान में रहने लगे। मंजू बताती हैं कि उनके अन्य रिश्तेदार भी आसपास रहते हैं। दादी की पेंशन से ही बच्चों की पढ़ाई और उनके घर का खर्च चलता है।
बाल संसार के मेधावी चमकेहल्द्वानी : बाल संसार इंटर कॉलेज काठगोदाम के होनहारों ने उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। हाईस्कूल में शिवम कुमार ने 93.6 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश की मेरिट सूची में 25वीं रैंक हासिल की है। इसी स्कूल के निखिल टम्टा ने 90.4 अंक हासिल कर स्कूल में दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि अनिल बिष्ट ने 86 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। प्रिंसिपल गंगा तिवारी व प्रबंधक हरीश तिवारी ने बताया कि हाईस्कूल बोर्ड में अनिल बिष्ट ने गणित में शतप्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा इंटरमीडिएट में गुंजन फूलपतिया ने 89.2, रीना मीना 86.2 व दीपक सिंह ने 83.6 प्रतिशत अंक हासिल कर स्कूल का गौरव बढ़ाया है।
पेट्रोल पंप पर नोजल थामने वाले के बेटे ने पाई कामयाबीहल्द्वानी : सर्दी-गर्मी व बरसात हर सीजन में पेट्रोल पंप का नोजल थामने वाले गणेश जोशी के बेटे पंकज जोशी ने उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा की मेरिट में जगह बनाई है। इंटरमीडिएट में पंकज ने प्रदेश में 24वीं व नैनीताल जिले में तीसरी रैंक हासिल की है।
गौलापार के पूरन सिंह मोहन सिंह इंटर कॉलेज कुंवरपुर के छात्र पंकज ने 91.8 प्रतिशत अंकों के साथ विद्यालय में टॉप किया है। बागजाला निवासी पंकज के पिता गणेश जोशी व बड़े भाई बसंत काठगोदाम बाइपास पेट्रोल पंप में काम करते हैं। गणेश जोशी पिछले 28 सालों से पेट्रोल पंप का नोजल थामे हुए हैं। मां गंगा जोशी गृहिणी हैं। गुरुवार को जब बोर्ड का रिजल्ट जारी हुआ तो उन्होंने पेट्रोल पंप मालिक से इंटरनेट पर बेटे का रिजल्ट चेक कराया। मेरिट में बेटे का नाम दिखा तो वह भावुक हो गए। बोले, 'बाबूजी! बेटा मेरी गुंजाइश से ज्यादा अंक ले आया। अब मैं आगे उसे कैसे पढ़ा पाऊंगा...।Ó बेटे की सफलता से मां बहुत खुश है। कहती है कि सीमित आमदनी में बढ़ते परिवार की गुजर संभव नहीं थी, इसलिए बेटे को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी में दाखिला करा दिया था। बेटे ने हमारी मेहनत को सार्थक कर दिया। खुशी के मारे गुरुवार दिन में पिता खाना नहीं खा पाए। एयरफोर्स में जाना है पंकज का सपना
मैथ्स, फिजिक्स, कैमिस्ट्री में 97-97 अंक लाने वाले पंकज एयरफोर्स में जाना चाहते हैं। उन्होंने पिछले दिनों एनडीए का एग्जाम दिया है। पंकज ने बताया कि वह तड़के तीन बजे उठकर पढ़ाई में जुट जाते थे। खुद को मानसिक व दिमागी रूप से तरोताजा रखने के लिए कुछ देर क्रिकेट खेलते थे।
फुटपाथ पर फड़ लगाते पिता को बेटे ने दिया 'फल'हल्द्वानी : गौलापार लछमपुर निवासी कमल सिंह रैकुनी ने हाईस्कूल में 94.8 प्रतिशत अंक लाकर प्रदेश की मेरिट में 19वीं रैंक हासिल की है। राजकीय हाईस्कूल दौलतपुर में जिस स्कूल में कमल पढ़ता है, पिता पान सिंह रैकुनी उसी रोड पर स्कूल से कुछ दूरी पर फल का ठेला लगाते हैं। कमल ने मेरिट में जगह बनाकर पिता को उनके संघर्ष का फल दिया है।
कभी टेक्सटाइल कंपनी में काम करने वाले पान सिंह रैकुनी जीएसटी लागू होने के दौरान दो साल पहले बेरोजगार हो गए थे। चिंता सताने लगी थी कि दो बच्चों की पढ़ाई व घर की बाकी जरूरत कैसे पूरी होगी। प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर दोनों बेटों को सरकारी स्कूल में दाखिला कराया। गुरुवार को नतीजा आया तो पिता की बांछें खिल गईं। मां भावना रैकुनी के साथ रीठासाहिब में नाना के घर गए कमल ने पिता को फोन पर रिजल्ट की जानकारी दी। पान सिंह ने बताया कि बेटा इंजीनियङ्क्षरग करना चाहता है। बेटे की कामयाबी से वह खुश हैं तो आगे की पढ़ाई की व्यवस्था कैसे होगी, इसको लेकर चिंतित भी हैं। कमल की सफलता से विद्यालय में उत्साह का माहौल है।आंखों से नहीं, हौसलों से पास की परीक्षा
हल्द्वानी : हौसलों से बढ़कर कुछ नहीं। गौलापार स्थित नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (नैब) के बच्चों पर यह लाइन सटीक बैठती है। यहां के चार बच्चों ने कड़ी मेहनत कर उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया है। अभिषेक कनवाल ने 10वीं में 91.4 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। राजकीय हाई स्कूल नवाड़खेड़ा में पढऩे वाले अभिषेक कनवाल ने गणित में पूरे सौ नंबर पाए। मूल रूप से खत्याड़ी निवासी अभिषेक ने अप्रैल 2017 में नैब में प्रवेश लिया था। वह सिविल सर्विसेज में जाना चाहते हैं। वहीं सेराघाट अल्मोड़ा निवासी नीरज कुमार चार साल पहले नैब पहुंचे। नीरज को 10वीं में 57.6 प्रतिशत नंबर मिले। वहीं जीजीआइसी हल्द्वानी में अध्ययनरत 12वीं की पूजा रावत को 73.4 व गोमती मेहता को 66.4 प्रतिशत अंक मिले। गोमती व पूजा स्पेशल एजुकेटर बनकर अपने जैसे बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं। 70-75 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद होनहारों ने हार नहीं मानी। परीक्षा के दौरान तैयारी कराने में स्पेशल एजुकेटर दीपा पांडे, प्रेमा कार्की, कृष्ण चंद्र जोशी, पूजा नौला, ज्योति नौला, आरती उनियाल का विशेष योगदान रहा। बच्चों की सफलता पर संस्था अध्यक्ष सविता लोहाटी, सचिव श्याम धानिक, बीडी गुरुरानी, जेसी बेलवाल, बिंदु साह, राकेश कुंवर, कांता विधायक, पीएस पपोला आदि ने बधाई दी है। नैब के बच्चे मुंबई में ले रहे ट्रेनिंगनैब संस्था के 17 बच्चे इस समय मुंबई में स्पेशल एजुकेटर बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे दिव्यांग (दृष्टिबधित) बच्चों को पढ़ाएंगे।94.4 प्रतिशत पाकर मजदूर की बेटी ने बढ़ाया मानलालकुआं: बिंदुखत्त्ता निवासी सेंचुरी पेपर मिल के ठेका कर्मी की बेटी दिव्या जोशी ने 94.4 प्रतिशत अंक लाकर मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल कर विद्यालय व क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। शहीद जगत सिंह हाई स्कूल पश्चिमी घोड़ानाला में अध्ययनरत छात्रा के परिजन बेहद गरीब है। तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी दिव्या बड़ी होकर पुलिस अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना चाहती है। उसकी इस उपलब्धि पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। बिंदुखत्त्ता के सुभाषनगर निवासी दिव्या के पिता हरीश जोशी सेंचुरी पेपर मिल में ठेकेदार के अधीन मजदूरी करते है। मां शीला देवी गृहणी है। पत्रकारों से बातचीत में दिव्या ने बताया कि वह नियमित रूप से स्कूल के अलावा सात घंटे की पढ़ाई करती थी। साथ ही घर के कार्यो में अपनी मां का हाथ भी बटाती है। उसने बताया कि उसका सपना बड़ा होकर पुलिस अधिकारी बनने का है। उसने अपनी इस उपलब्धि पर माता पिता के साथ ही गुरु जनों को श्रेय दिया है। दिव्या की इस उपलब्धि पर पिता हरीश जोशी व मां शीला काफी खुश थी। अभावों व विषम परिस्थितियों में दिव्या ने यह मुकाम हासिल कर उनका नाम रोशन किया है।यह भी पढ़ें : उत्तराखंड बोर्ड हाईस्कूल में अनंता टॉपर, इंटर में शताक्षी ने मारी बाजीयह भी पढ़ें : ट्रक चालक का बेटा प्रदेश में आठवें स्थान पर, किसान के बेटे ने भी लहराया परचम लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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