नैनीताल संसदीय क्षेत्र के शहरी इलाकों में मोदी मैजिक, गांवों में दिखी कांटे की टक्कर
नैनीताल संसदीय क्षेत्र के शहरी इलाकों में स्थित बूथों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लहर दिखी तो ग्रामीण इलाकों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:16 PM (IST)
हल्द्वानी, आशुतोष सिंह : नैनीताल संसदीय क्षेत्र के शहरी इलाकों में स्थित बूथों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लहर दिखी तो ग्रामीण इलाकों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला। अधिकांश शहरी मतदाताओं ने राष्ट्र की सुरक्षा, विकास और स्थाई सरकार चुनने के उद्देश्य से मतदान किया तो ग्रामीण इलाकों के मतदाता सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं से आहत दिखे। सैन्य परिवार बाहुल्य होने के कारण पहाड़ के बूथों पर भी मोदी मैजिक देखने को मिला। मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर पहली बार मतदाताओं के उत्साह में भारी कमी दिखी, जो कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
भीमताल विधानसभा क्षेत्र के पहाड़पानी बूथ पर मतदान के लिए लाइन में लगे बुजुर्ग दीवान सिंह नेगी का कहना था कि वह पूर्व सैनिक हैं और राष्ट्र को मजबूत करने के इरादे से मतदान करने आए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पूरे विश्व में भारतीय सेना का मान बढ़ा है। एक कड़ा संदेश गया है कि यदि वह भारत को आंख दिखाएंगे तो यहां की सेना मुकम्मल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से पूर्व सैनिक खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। वन रैंक वन पेंशन ने देश के तमाम पूर्व सैनिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि यहां हर दूसरे घर का कोई न कोई जवान सेना में है। अधिकांश परिवारों का यही मत है। हल्द्वानी के देवलचौड़ बूथ पर पहली बार मतदान करने पहुंचे तुषार अग्रवाल मोदी की एयर स्ट्राइक से प्रभावित दिखे। उनका कहना था कि पाकिस्तान को लेकर भारत हमेशा बचाव की मुद्रा में रहता था। पहली बार पीएम मोदी के नेतृत्व में सेना ने आक्रामक तेवर दिखाए। इसी बूथ पर मतदान कर बाहर निकलीं शिक्षिका नेहा रावत ने कहा कि उन्होंने उस पार्टी को मत दिया है जो देश में स्थाई सरकार दे पाने में सक्षम है। जोड़तोड़ की सरकार देशहित में नहीं है।
इसी बूथ पर अपने पिता के साथ कतार में लगी बीएससी की छात्रा प्रियंका आइएसबीटी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार से आहत दिखीं। उनका कहना था कि हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते इस परियोजना पर काम शुरू हो गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसका काम रोककर ठीक नहीं किया। कोटाबाग क्षेत्र के पतलिया और मूसा बंगर में बूथ पर खड़ी कुछ महिलाओं का मत था कि बिजली, पानी, सड़क के लिए डबल इंजन की मजबूत सरकार जरूरी है तो कुछ युवाओं ने राहुल गांधी के घोषणा पत्र की सराहना भी की। उनका कहना था कि गांव के किसी गरीब परिवार के लिए 72 हजार रुपये कम नहीं होते। खटीमा के अमाऊ, सिसैया आदि बूथों पर कुछ बुजुर्गों का कहना था कि हरीश रावत सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। किसी काम के लिए उन्हें ढूंढना भाजपा प्रत्याशी की अपेक्षा अधिक आसान होगा। हालांकि इन्हीं बूथों पर कुछ युवाओं का कहना था कि वह सांसद नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं।
मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर कम दिखा उत्साह
हल्द्वानी का बनभूलपुरा, किच्छा आदि बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं के उत्साह में भारी कमी देखी गई। संभावना जताई जा रही थी कि इन बूथों पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में रहेगी, लेकिन शाम पांच बजे तक इन बूथों पर पहले की तरह जोश नहीं दिखा। इसको लेकर कांग्रेस के तमाम नेता चिंतित भी दिखे।
क्या बोले प्रत्याशी
राज्य में जबरदस्त मतदान हुआ। उत्तराखंड की जनता ने मन बनाया है कि फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया जाए। पांच सालों में मोदी के विकास कार्यों से लोग लाभान्वित हुए हैं। इसलिए लोगों का उन पर विश्वास है। शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए जनता, कार्यकर्ताओं व अधिकारियों को धन्यवाद देता हूं। - अजय भट्ट, प्रत्याशी भाजपा
लोकतंत्र की ताकत देख अभिभूत हूं। देश बदलाव के लिए वोट कर रहा है। यह बदलाव की शुरुआत है, जिसे प्रचंड वेग की हवा कह सकते हैं। लोगों ने राज्य के एजेंडे के लिए वोट किया। राज्य में चुनाव बेहतर तरीके से निपट गए। इसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं। - हरीश रावत, प्रत्याशी कांग्रेस
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