Student Union Election : कुमाऊं के सबसे बड़े कॉलेज में बवाल, टिकट न मिलने पर फूट-फूट कर रोई रश्मि लमगडिय़ा
Student Union Election टिकट न मिलने से नाराज रश्मि अपने समर्थकों के साथ एबीवीपी कार्यालय पहुंचीं जहां वह रोते हुए प्रदेश सोशल सह मीडिया प्रभारी के पैरों पर गिर पड़ीं। कहा कि यदि मैं चुप रहूंगी तो कभी किसी छात्रा को अध्यक्ष पद का दावेदार नहीं बनाया जाएगा।
By Himanshu JoshiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 19 Dec 2022 08:02 AM (IST)
हिमांशु जोशी, हल्द्वानी : Student Union Election : मैंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए काम किया, वह भी पूरी निष्ठा के साथ। इस दौरान कभी भी अपनी छवि पर आंच तक नहीं आने दी।
मैं संघर्ष कर अपने दम पर यहां तक पहुंची हूं, परंतु आज मेरे सम्मान और प्रतिष्ठा पर परिषद के दायित्वधारी और कार्यकर्ताओं की ओर से अभद्र टिप्पणी की जा रही है। इतने समय से तैयारी करने के बावजूद संगठन ने किसी और को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी चुन लिया और मुझे सूचना तक नहीं दी। आखिर मेरा क्या कसूर था...।
यह बात जगदंबा नगर स्थित एबीवीपी कार्यालय में इस्तीफा लेकर पहुंची रश्मि लमगडिय़ा ने कही। रविवार को टिकट न मिलने से नाराज रश्मि अपने समर्थकों के साथ एबीवीपी कार्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने रोते हुए प्रदेश सोशल सह मीडिया प्रभारी कुलदीप कुल्याल के पैरों पर गिर पड़ीं।
कहा, मैं पिछले कई वर्षों से काम कर रही थीं, लेकिन जब टिकट की बारी आई तो मुझे छात्रा होने के नाम पर नकार दिया गया, जिससे मैं काफी आहत हुई हूं। मैंने हमेशा परिषद के लिए ईमानदारी से काम किया। यह संगठन की महिला विरोधी सोच है, जिसने उन्हें दबाने का प्रयास किया है। यदि आज मैं चुप रहूंगी तो कभी भी परिषद भविष्य में एमबीपीजी कालेज से किसी भी छात्रा को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित नहीं करेगा। मैं छात्रा होने का खामियाजा भुगत रही हूं।
इस दौरान रश्मि के समर्थकों के आंखों से भी आंसू छलक पड़े। जुबां भले ही नाटकीय कार्यक्रम के दौरान खामोश रही हो, लेकिन डबडबाती आंखों से रश्मि को टिकट न मिलने का दर्द साफ झलक रहा था। जिस पर कुलदीप ने रश्मि को कई बार समझाने का प्रयास किया और कहा कि इस निर्णय में किसी भी संभावित दावेदार को शामिल नहीं किया गया था। आखिर में रश्मि ने प्रदेश सोशल सह मीडिया प्रभारी और नगर मंत्री निखिल सोनकर को इस्तीफा सौंप दिया।
इस्तीफा लेने के बाद बोले, रश्मि को मना लिया जाएगा
कुमाऊं के सबसे बड़े कालेज में छात्र राजनीति रोज नए रंग दिखा रही है। 24 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए एबीवीपी ने शनिवार देर रात अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया तो एबीवीपी में फिर से गुटबाजी की आशंका बढ़ गई है। इससे पूर्व भी वर्ष 2014 में एबीवीपी से अध्यक्ष पद का टिकट न मिलने पर संजय रावत निर्दलीय मैदान पर उतरे और पहली बार एमबीपीजी से निर्दलीय जीतकर अध्यक्ष बनने का कीर्तिमान बनाया।
फिर वर्ष 2016 में एबीवीपी से विजय जोशी और नीरज मेहरा ने दावेदारी की थी, परंतु नीरज मेहरा को टिकट नहीं मिला, जिससे नाराज होकर वे निर्दलीय मैदान पर उतरे, जिसका खामियाजा एबीवीपी को अपने ही कार्यकर्ता से मिली करारी हार से चुकानी पड़ी।अब फिर से रश्मि लमगड़िया को टिकट न मिलने से उनके निर्दलीय मैदान पर उतरने की संभावना बढ़ गई है। यदि ऐसा हुआ तो एबीवीपी के लिए यह चुनाव भी आसान नहीं रहने वाला है। हालांकि संगठन का कहना है कि रश्मि को मना लिया जाएगा। प्रदेश सोशल सह मीडिया प्रभारी और स्टूडेंट फार सेवा के प्रांत संयोजक कमलेश भट्ट का दावा है कि रश्मि को मना लिया जाएगा। जिससे इस बार ऐसी स्थिति नहीं आएगी।
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