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एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप के दौरान दीक्षा को आया यूपीएससी देने ख्याल, सेल्फ स्टडी से हासिल की 19वीं रैंक

दीक्षा ने बताया कि तीन साल पूर्व एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान पहली बार मन में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने का ख्याल आया। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन किया।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 31 May 2022 08:07 AM (IST)
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एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप के दौरान दीक्षा को आया यूपीएससी देने ख्याल, सेल्फ स्टडी से हासिल की 19वीं रैंक

विजय उप्रेती, पिथौरागढ़ : देश की सबसे कठिन कही जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा पास कर हर साल अधिकारी बनने का सपना हर साल हजारों लाखों युवा देखते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं लोगों को मिल पाती है जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात एक कर मेहनत करते हैं। कई लोगों को पहले ही बार में सफलता मिलती है तो किसी को लंबा संघर्ष करना पड़ता है। पिथौरागढ़ की दीक्षा ने भी तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर आइएएस बनने के सपने को पूरा करके दिखाया है। दीक्षा को 19वीं रैंक मिली है।

दीक्षा ने बताया कि उनका बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था, लेकिन कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया कि इसकी तैयारी किस तरह करनी चाहिए। तीन साल पूर्व एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान पहली बार मन में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने का ख्याल आया। इसके बाद पहली बार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन किया। जिसमें वह असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने फिर से इस परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन इस बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और एक बार फिर खुद को मोटिवेट कर तीसरा प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने अपनी रणनीति बदली और उसके हिसाब से तैयारी करने में जुट गईं। इस बार किस्मत ने भी उनका साथ दिया और 19वीं रैंक के साथ उनका चयन हो गया।

सेल्फ स्टडी पर किया फोकस

आइएएस में चयनित दीक्षा ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए उन्होंने कहीं से कोचिंग नहीं ली और सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। वह नियमित रूप से 7 से 8 घंटे अध्ययन करती थीं। परीक्षा का समय नजदीक आते ही प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिए टारगेट के हिसाब से तैयारी में और जोर दिया। उन्होंने दिन को तीन भागों में सुबह, दिन व शाम में बांटकर तैयारी की। उन्होंने कहा कि परीक्षा में असफल होने पर अभ्यर्थियों को निराश नहीं होना चाहिए और दोगने उत्साह के साथ फिर से तैयारी करनी चाहिए। एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी। दीक्षा ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए उनके मार्गदशक अनुपम जैन रहे।

पूरी जिम्मेदारी के साथ करेंगी कार्य

दीक्षा ने बताया कि अभी उन्हें कैडर नहीं मिला है। उन्हें जहां भी सेवा करने का मौका मिलेगा, उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाया जाएगा। सरकारी की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। दीक्षा ने बताया कि यदि उन्हें उत्तराखंड में ही सेवा करने का मौका मिला तो उनका ध्यान पर्वतीय क्षेत्रों में विकास, बेहतर संचार सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में रहेगा।

कर्तव्यनिष्ठता से सेवा करेगी बेटी: पिता

दीक्षा के पिता भाजपा नेता सुरेश जोशी ने अपनी बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि उनकी बेटी ने आज सीमांत जनपद के साथ पूरे उत्तराखंड को गौरवांवित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को देश के जिस कोने में भी सेवा करने का मौका मिलेगा, वह पूरे कर्तव्यनिष्ठता व कार्य क्षमता के साथ अपनी सेवाएं देकर लोगों का लाभांवित करने का काम करेंगी। मां गीता जोशी ने कहा कि उनकी बेटी बचपन से ही मेधावी रही है। उसका सपना बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का था। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी प्रशासनिक सेवा के साथ यदि जरूरत पड़ी तो अपनी चिकिस्कीय सेवा का लाभ भी लोगों को देंगी।

घर में लगा बधाई देने वालों का तांता

पिथौरागढ़ की बेटी दीक्षा जोशी के जैसे ही आइएएस में चयन होने की सूचना लोगों को मिली, उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया। तमाम राजनीतिक, सामाजिक व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने दीक्षा के लिंक रोड स्थित आवास पहुंचकर उन्हें व स्वजनों को बधाई दी। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी व मिष्ठान वितरण भी किया। दीक्षा की इस उपलब्धि पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, विधायक मयूख महर, नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत, पूर्व जिपं अध्यक्ष वीरेंद्र बोहरा, राकेश देवलाल, राकेश शर्मा, गोलू पाठक, यूकां जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर समेत तमाम लोगों ने खुशी जताते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

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