मैदान से लेकर पहाड़ तक रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी, कल से मिल सकती है राहत, बारिश के आसार
सूर्यदेव ने तराई-भाबर से लेकर पहाड़ तक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को हल्द्वानी-पंतनगर का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 15 Apr 2019 09:21 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : सूर्यदेव ने तराई-भाबर से लेकर पहाड़ तक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को हल्द्वानी-पंतनगर का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मुक्तेश्वर में पारा 27.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। दोनों ही स्थानों पर तापमान ने पिछले साल का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है।
पश्चिम की तरफ से आ रही गर्म हवा ने तापमान बढ़ाया है। हल्द्वानी समेत पूरे कुमाऊं में पिछले दो दिनों से गर्मी का असर ज्यादा होने लगा था। हल्द्वानी में रविवार सुबह से चटख धूप रही। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर जिले में हल्के बादल रहे। पिथौरागढ़ का अधिकतम तापमान 29.4 व अल्मोड़ा में 33.1 डिग्री रहा। हल्द्वानी में दोपहर में पारा 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शनिवार के मुकाबले यह 1.4 डिग्री अधिक रहा। पिछले साल अप्रैल में तापमान 38 डिग्री तक नहीं पहुंचा था। वहीं, मुक्तेश्वर में भी पिछले साल अप्रैल में इस बार जैसी गर्मी नहीं पड़ी। सरोवर नगरी में तापमान 27 डिग्री पहुंचने से दिन के समय गर्मी महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार तराई में सोमवार को भी गर्मी का असर बना रह सकता है। जबकि पर्वतीय जिलों में कुछ जगह गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
कल से बदलेगा मौसम, ओलावृष्टि-अंधड़ की चेतावनी
मंगलवार से मौसम में बदलाव की संभावना है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने 16 व 17 अप्रैल को प्रदेश के पर्वतीय जिलों में मध्यम बारिश की उम्मीद जताई है। मंगलवार की शाम से अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने व मैदानी इलाकों में 70 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवा व अंधड़ चलने की चेतावनी जारी की है। लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है।
हल्द्वानी में पिछले दस सालों का अधिकतम तापमान
वर्ष तापमान
19 अप्रैल 2018 37.829 अप्रैल 2017 38.6
27 अप्रैल 2016 39.221 अप्रैल 2015 37.0
30 अप्रैल 2014 38.730 अप्रैल 2013 38.9
20 अप्रैल 2012 37.329 अप्रैल 2011 37.5
12 अप्रैल 2010 37.720 अप्रैल 2009 41.5यह भी पढ़ें : वन अनुसंधान केंद्र की पहल, शंकराचार्य और स्वामी विवेकानंद के तप वृक्षों का होगा संरक्षणयह भी पढ़ें : सीबीएसई बोर्ड के छात्र पढ़ाई के साथ अब पाक कला भी सीखेंगे, सप्ताह में दो कक्षाएं अनिवार्य
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