Move to Jagran APP

जल्द शुरू होगा इंडो-नेपाल बॉर्डर सीमांकन का सर्वे, सीमा विवाद से मिलेगी निजात

इंडो-नेपाल बॉर्डर के नोमेंस लैंड पर अवैध कब्जे और कई पिलरों के क्षतिग्रस्त होने से सीमांकन की स्थिति गड़बड़ा गई है। कई जगह सीमा को लेकर विवाद सामने आ चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 07 Dec 2019 10:07 PM (IST)
Hero Image
जल्द शुरू होगा इंडो-नेपाल बॉर्डर सीमांकन का सर्वे, सीमा विवाद से मिलेगी निजात
विनय शर्मा, चम्पावत। इंडो-नेपाल बॉर्डर के नोमेंस लैंड पर अवैध कब्जे और कई पिलरों के क्षतिग्रस्त होने से सीमांकन की स्थिति गड़बड़ा गई है। कई जगह सीमा को लेकर विवाद सामने आ चुका है। लेकिन यह विवाद अब जल्द खत्म हो जाएगा। भारत-नेपाल सरकार ने संयुक्त रूप से सीमा के सीमांकन के लिए सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। फेज वाइज हो रहे सीमांकन के इस कार्य में इस वर्ष जल्द उप्र के लखीमपुर खीरी जनपद से पीलीभीत, उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर से होते हुए जनपद चम्पावत के बीच करीब 150 पिलरों के बीच सीमांकन का कार्य शुरू होगा। देहरादून में सितंबर में दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद एफएसटी (फील्ड सर्वे टीम) के गठित होते ही सर्वे शुरू कर दिया जाएगा। एफएसटी के लिए भारत की टीम ने टनकपुर में कैंप ऑफिस खोल दिया है, लेकिन अभी नेपाल की टीम नहीं पहुंची है। शुक्रवार को सर्वे ऑफ इंडिया से आए चतुर्थ फेज के कैंप प्रभारी ने डीएम से मुलाकात की और नेपाल टीम को जल्द बुलाने का अनुरोध किया।

यह है मामले पृष्ठभूमि

बता दें कि इंडो नेपाल बॉर्डर से लगे चम्पावत जिले के सीमा क्षेत्र में कई पिलर क्षतिग्रस्त व गुम होने के कारण सीमा क्षेत्र का सही आकलन नहीं हो पा रहा है। जनपद के पूर्णागिरि क्षेत्र से शुरू हुए बूम में मुख्य पिलर 813/1 काफी लंबे समय से खल्लागांव के पास क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। वहीं बूम क्षेत्र में तीन पिलर बने हैं और टनकपुर से लगे ब्रहमदेव मंडी में 811/3 ए के पास से गायब है। भूजेला गांव में एक पिलर लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। मां पूर्णागिरि की चरण स्थलीय बूम से जनपद पिथौरागढ़ तक काली नदी को ही सीमांकन माना गया है। यह स्थिति जनपद चम्पावत की नहीं बल्कि ऊधम सिंह नगर जनपद के साथ यूपी के पीलीभीत व लखीमपुर खीरी की भी है। नेपाल के किसान बॉर्डर के नोमेंस लैंड पर धड़ल्ले से खेती कर रहे हैं।

सीमांकन प्रक्रिया ऐसे होगी पूरी

दोनों देशों की सीमाओं का सही आकलन करने के लिए दोनों देशों के अधिकारी चरणबद्ध तरीके से सर्वे कर सीमा निर्धारित करते आ रहे हैं। जिस क्रम में अब यूपी के लखीमपुर खीरी जनपद से जनपद चम्पावत के बीच पिलर नंबर 700 से 850 तक सर्वे किया जाना है। इसके लिए देहरादून में 24 से 26 सितंबर को दोनों देशों के बीच हुई एसओसी की बैठक में कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है। सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने अपना कैंप ऑफिस भी टनकपुर में खोल लिया है। कैंप प्रभारी वीएसएस प्रसाद ने बताया कि सर्वे के लिए एफएसटी का गठन किया जाना है। एफएसटी के गठन के बाद सर्वे शुरू होगा। इसको लेकर शुक्रवार को डीएम से मुलाकात की गई। जिसमें नेपाल के अधिकारियों को इसके गठन के बाबत जल्द सूचित करने को कहा गया है।

दोनों देशों के बीच 222 पिलरों का होना है निर्माण

सर्वे के दौरान दोनों देशों के बीच छोटे-बड़े करीब 222 पिलरों का निर्माण किया जाना है। इसमें करीब भारत की ओर से सात मुख्य पिलर, 72 सब पिलर व 51 माइनर पिलर (कुल 130), नेपाल की ओर से 8 मुख्य पिलर, 42-42 सब व माइनर पिलर (कुल 92)हैं। जनपद चम्पावत से लगे इंडो नेपाल सीमा में कुल 16 पिलर है। जिसमें बूम में तीन, टनकपुर में सात व बनबसा में छह पिलर है। जिनमें कई पिलर गायब हो गए हैं तो कई क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

इन जनपदों के बीच हैं इतने पिलर

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से पीलीभीत के बीच पिलर नंबर 700-750, पीलीभीत से ऊधम सिंह नगर के बीच पिलर नंबर 751-800 तक, ऊधम सिंह नगर से चम्पावत के बीच पिलर नंबर 800-811 शामिल हैं। जिसमें सर्वे होना है। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम अक्षांत देशांतर कॉर्डिनेट के जरिए सीमा की माप करेगी।

एसएसबी कराएगी पिलरों का निर्माण

सर्वे के दौरान होने वाले पिलरों का निर्माण एसएसबी कराएगी। इसके लिए सरकार ने लखनऊ व रानीखेत एसएसबी को फ्रंट एरिया निर्धारित किया है। इस सर्वे क्षेत्र में रानीखेत एसएसबी बजट देगी। एसएसबी जितना बजट देगी उसी हिसाब से टीम सर्वे करेगी। जिससे एसएसबी पिलर का निर्माण कर सके। चम्पावत के जिलाधिकारी एसएन पांडे ने बताया कि भारत नेपाल सीमाओं के आकलन के लिए जल्द सर्वे शुरू होगा। सर्वे ऑफ नेपाल की अभी बैठक नहीं हुई है। वह शायद कल आएंगे। जिसके बाद सर्वे क्षेत्र में आने वाले भारत व नेपाल के सभी जिलों की संयुक्त बैठक की जानी है। जिसमें एफएसटी का गठन किया जाएगा। जिसके बाद सर्वे शुरू किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : मंडी प्रशासन ने छह आढ़तियों को फिर भेजा नोटिस

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।